The Leader Habit Book Summary in Hindi – क्या आप एक बेहतरीन Leader बनना चाहते हैं ?

The Leader Habit Book Summary in Hindi – क्या आप अपने अंदर लीडरशिप क्वालिटी को डेवेलोप करना चाहते हैं ?

 
 द लीडर हैबिट (The Leader Habit) में हम देखेंगे कि किस तरह से आप खुद को एक बेहतर लीडर बना सकते हैं। यह किताब हमें उन छोटी छोटी आदतों के बारे में बताती है जिनकी प्रैक्टिस हर रोज कर के हम खुद को एक काबिल लीडर में बदल सकते हैं।
 
 

यह बुक समरी किसके लिए है –

 
  • वे जो एक बेहतर लीडर बनना चाहते हैं।
  • वे जो टीम को बेहतर बनाने के तरीके खोज रहे हैं।
  • वे जो यह जानना चाहते हैं कि लीडरशिप की स्किल में कैसे माहिर बनते हैं।
 
 

लेखक के बारे में

 
 मार्टिन लैनिक (Martin Lanik) पिनसाइट के सीईओ हैं। वे एक लेखक भी हैं जो अपनी किताब द लीडर हैबिट के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने हर रोज पाँच मिनट में प्रैक्टिस की पा सकने वाली टेक्नीक्स बनाई हैं जिनकी मदद से कोई भी एक बेहतर लीडर बन सकता है।
 
 

यह किताब आपको क्यों पढ़नी चाहिए?

 
 दुनिया को हमेशा से अच्छे लीडर्स की जरुरत रही है। लीडर्स हमारी हर रोज की जिन्दगी में काम आते हैं, ना कि सिर्फ कंपनियों में। हमारे घर में एक लीडर का होना बहुत जरूरी है जो कि सही फैसले लेकर घर चला सके। हमारे समाज में एक अच्छे लीडर का होना बहुत जरूरी है ताकि वो समाज के लोगों को मैनेज कर के शांति बना सके। हमारे देश को अच्छे लीडर की जरुरत है जो कि देश को आगे लेकर जा सकें।
 
 लेकिन समस्या यह है कि लीडर्स की सप्लाई उनकी डिमान्ड के मुकाबले बहुत कम है। यह कविता हमें बताती है कि किस तरह से आप एक बेहतर लीडर बन सकते हैं। यह किताब बताती है कि किस तरह से आप छोटी छोटी आदतों को हर रोज प्रैक्टिस कर के खुद के अंदर के लीडर को निखार सकते हैं।
 
 

इस बुक समरी को पढ़कर आप सीखेंगे –

 
  • किन स्किल्स में माहिर बनने से आप एक अच्छे लीडर बन सकते हैं।
  • एक काबिल लीडर बनने के लिए आपको कितने स्किल्स को सीखना होगा।
  • चेनिंग का प्रिंसिपल क्या है और इससे आपको कैसे फायदा हो सकता है।
 
 
 

कुछ छोटे छोटे काम हर रोज कर के आप लीडरशिप सीख सकते हैं।

 
 अब तक आप यह समझ ही गए होंगे कि लीडरशिप क्यों मायने रखती है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या कोई भी एक लीडर बन सकता है? अगर वाकई ऐसा है, तो किस तरह से आप एक बेहतर लीडर बन सकते हैं?
 
 पहले के वक्त में यह कहा जाता था कि लीडरशिप लोगों की जीन्स में होता है। इसका मतलब यह है कि महान लीडर्स अपने साथ यह हुनर लेकर पैदा होते हैं और हर कोई लीडर नहीं बन सकता। लेकिन बाद में हमें यह पता लगा कि लीडरशिप लगभग 30% हमारे जीन्स में होती है और 70% हम बाद में सीखते हैं। यानी कि अगर आप ट्रेनिंग लें, तो आप काफी अच्छे लीडर बन सकते हैं।
 
 जब हमें यह बात पता लगी, तो बहुत से लोग लीडरशिप सिखाने लगे। अमेरिका में अलग अलग ट्रेनिंग प्रोग्राम्स चलने लगे जिनका फोकस था बेहतर लीडर्स को पैदा करना। लेकिन इसके बाद भी हमें कुछ खास महान लीडर्स नहीं मिले। बल्कि हमने देखा कि जब से यह लीडरशिप प्रोग्राम्स आ गए, तब से अमेरिका के लीडर की क्वालिटी कम हो गई।
 
 तो जब हम लीडरशिप सीख सकते हैं, फिर ट्रेनिंग प्रोग्राम्स के आ जाने से इसपर नेगेटिव असर क्यों पड़ रहा है?
 
 क्योंकि बहुत से लोग किताबें पढ़कर और कुछ चीजें रट कर लीडर बनने की कोशिश कर रहे हैं। लीडरशिप एक स्किल है जिसे प्रैक्टिस कर के आप उसे मास्टर करते हैं, ना कि पढ़कर उसे याद करते हैं।
 
 अगर आपको लीडरशिप सीखना है तो आपको छोटे कुछ छोटे काम हर रोज करने होंगे। यह एक आदत है, जो कि किसी किताब को पढ़कर या किसी ट्रेनिंग में जाकर नहीं बनती। आने वाले सबक में हम यह देखेंगे कि किस तरह से आप इस आदत को अपने अंदर ला सकते हैं।
 
 

माइक्रोबिहेवियर्स पर काम कर के आप खुद को एक बेहतर लीडर बना सकते हैं।

 
 अब तक आप यह समझ ही गए होंगे कि लीडरशिप एक स्किल है और हर स्किल की तरह इसमें भी कुछ छोटी छोटी चीजें आती हैं, जिसे आप एक एक कर के सीखते हैं। एग्जांपल के लिए पढ़ना एक स्किल है, लेकिन उसे सीखने के लिए आप सबसे पहले अल्फाबेट्स सीखते हैं, फिर उनसे शब्द बनाना, फिर उन शब्दों से सेटेंस बनाना सीखते हैं। फिर आप ग्रामर सीखते हैं। तब जाकर कहीं आप अच्छे से उसे भाषा को बोल पाते हैं।
 
 ठीक उसी तरह से लेखक ने देखा कि लीडरशिप के लिए जिन चीजों को सीखने की जरूरत होती है, उन्हें हम दो भागों में बाँट सकते हैं। पहला है – काम पूरा करवाने की क्षमता और दूसरा है – लोगों का खयाल रख सकने की क्षमता। दुनिया के सारे लीडर्स इनमें से एक काम में माहिर होते हैं।
 
 इसके बाद लेखक ने दोनों कैटेगरी के अंदर 3 और केटेगरी बनाई। कुल मिलाकर 22 स्किल्स को 6 ग्रुप्स में बाँटा गया। पहली कैटेगरी, यानी काम पूरा करवाने की क्षमता में जो स्किल्स आते थे वो थे प्लान करना और उन पर । अमल करना। इस ग्रुप के अंदर जो दूसरे जरुरी स्किल्स आते हैं, वो हैं सबसे जरूरी कामों को पहचानना, काम को आर्गनाइज़ करना, दूसरों से काम करवाना और समय पर काम पूरा करवाना।
 
 इसके बाद लेखक ने इन 22 स्किल्स के अंदर भी 79 छोटे छोटे स्किल्स बनाए जिन्हें कि हर रोज प्रैक्टिस किया जा सके। अगर आप इन 79 स्किल्स में से एक स्किल को एक एक कर के उसमें खुद को बेहतर बना सकें, तो आप बहुत जल्द एक महान लीडर बन जाएंगे।
 
 लेखक का आइडिया यह है कि आप एक बार में सिर्फ एक स्किल को उठाइए और उसे तब तक प्रैक्टिस करते रहिए जब तक वो आपकी आदत में ना बदल जाए। इसके बाद आप दूसरी स्किल को उठा कर उसे प्रैक्टिस करना शुरु कीजिए। इस प्रक्रिया को चेनिंग कहा जाता है। एक बार जब आप यह करने लगेंगे, तो आप देखेंगे कि आप हर दिन की जिन्दगी में एक बेहतर लीडर बन रहे हैं।
 
 

लीडर हैबिट फार्मुला की मदद से आप इन माइक्रो बिहेवियर को अपनाना सीख सकते हैं।

 
 किसी भी नई आदत को अपनाना आसान काम नहीं है, चाहे वो आदत कितनी भी छोटी क्यों न हो। इसलिए आपको एक ऐसे सिस्टम की जरूरत है जिसकी मदद से आप इन आदतों को आसानी से अपना सकें। इस सिस्टम का नाम है लीडर हैबिट फार्मुला, जो कि क्यों और वार्ड के प्रिंसिपल पर काम करती है।
 
 क्यों एक ऐसी चीज होती है जो आपको यह याद दिलाती है कि आपको एक काम करना है और रीवाई वो होता है जो कि आपको एक काम करने के बाद मिलता है। हर एक आदत का एक क्यों होता है और एक रिवार्ड होता है। आपको यह देखना होगा कि माइक्रो बिहेवियर को अपनाने के लिए सही क्यों और रविवार कौन से हैं।
 
 एक्जाम्पल के लिए मान लीजिए कि आपके पास आकर कोई शिकायत करता है। ऐसे में आपको उस व्यक्ति से सही सवाल पूछने हैं जिससे आपको यह पता लग सके कि उस व्यक्ति को असल में क्या चाहिए। ऐसे में सवाल पूछने की आदत का क्यों हो गया किसी का शिकायत करना। जब भी आपके पास कोई व्यक्ति शिकायत लेकर आए, आपको यह तुरंत याद आ जाना चाहिए कि आपको उसकी समस्या सुलझाने के लिए उससे पूछना है में आपकी समस्या को सुलझाने के लिए क्या कर सकता हूँ? या फिर आपको क्या चाहिए?
 
 इसके बाद आपको यह देखना है कि इस माइक्रो बिहेवियर से आपको क्या रिवार्ड मिल सकता है। रिवार्ड वो होना चाहिए जो कि आपको अंदर से एक सुख दे। यह सुख वो होना चाहिए जो कि आपकी पर्सेंटाइल से मेच खाए। आपको सबसे पहले यह जानना होगा कि कौन सी चीज आपको पसंद आती है और इसके लिए आपको खुद को जानना होगा। आप लीडर हैबिट क्विज़ की मदद से यह जान सकते हैं कि आपकी पर्सनालिटी क्या है। इससे आपको यह भी पता लग जाएगा कि किस स्किल को सीखने में आपको आसानी होगी और किसे अपनाना आपके लिए मुश्किल होगा।
 
 एक बार आपको यह पता लग जाए कि कौन सा रिवाई आपको पसंद आता है, तो आप उस रिवार्ड को उस आदत से जोड़ने की कोशिश कीजिए जिसे आप अपनाना चाह रहे हैं, ताकि आप जब जब वो काम करें, आपको वो रिवार्ड मिलता रहे। इस तरह से आपका वो काम बार बार करने का मन करेगा और आप उस आदत को आसानी से अपना पाएंगे।
 
 

कीस्टोन हैबिट्स को अपना कर आप दूसरी अच्छी आदतों को अपने आप अपने अंदर ला सकते हैं।

 
 कीस्टोन हैबिट्स वो होती हैं जो कि अपने साथ कुछ दूसरी अच्छी आदतों को लेकर आती हैं। पिछले सबक में हमने देखा कि लीडरशिप में माहिर बनने के लिए आपको 79 छोटी छोटी आदतों को अपनाना होगा। एक आदत को अपनाने में 66 दिन लगते हैं और इस हिसाब से सारी 79 आदतों को अपनाने में आपको 14 साल लग सकते हैं। लेकिन आपको इतनी लम्बी मेहनत करने की जरूरत नहीं है।
 
 कीस्टोन हैबिट्स की मदद से आप एक साथ 4 से 5 आदतों को अपने अंदर ला सकते हैं। एग्जांपल के लिए अगर आप अच्छे फैसले लेने की आदत को प्रैक्टिस कर रहे हैं, तो आप देखेंगे कि सही जानकारी को इकठ्ठा करने की आदत और हालातों को परखने की आदत अपने आप आपके अंदर आ जाएगी। यह बिल्कुल ऐसा है कि आप जब नया मोबाइल लेने जाते हैं, तो आपको उसके साथ एक सिम कार्ड, बैक-कवर और स्क्रीनगार्ड लेना ही पड़ता है। सिर्फ एक आदत को अपनाने की कोशिश में आपने तीन आदतों को अपना लिया।
 
 कीस्टोन हैबिट्स का एक दूसरा फायदा यह है कि इसकी मदद से आप खुद को एक अच्छे व्यक्ति की तरह देखने लगते हैं। इससे आपका सेल्फ-इमेज सुधर जाता है।
 

Example –

 
 एक्जाम्पल के लिए मान लीजिए कि आप अपने लिसनिंग स्किल्स की प्रैक्टिस कर रहे हैं, यानी कि लोगों की बात को अच्छे से सुनने की प्रेक्टिस कर रहे हैं। ऐसा करने से आप अपने लोगों को अपने आप अच्छो से समझने लगेंगे, उनके विचारों की इज्जत करने लगेंगे और उनके साथ अच्छे रिश्ते बनाने लगेंगे। साथ ही आप यह देखेंगे कि आपके लोग आपकी इस एक खूबी की वजह से आपको पसंद करने लगे हैं। इस तरह से एक दत को अपना लेने से जब आप में इतने सारे दूसरे बदलाव आ जाएंगे, तो आप खुद को अपने आप एक बेहतर व्यक्ति की नजर से देखने लगेंगे।
 
 

एक अच्छा लीडर बनने के लिए आपको अपने लोगों से काम करवाना आना चाहिए।

 
 किसी भी टीम के कामयाब होने के लिए उसका काम करना बहुत जरुरी है और एक लीडर की तरह आपको उनसे काम करवाना आना चाहिए। सबसे पहले हम यह देखेंगे कि किस तरह से आप इस स्किल में बेहतर बन सकते हैं।
 
 प्लैन करना और काम को आर्गनाइज़ करना लोगों से काम करवाने का एक हिस्सा है। यहाँ पर आपको यह पता होना चाहिए कि अपने इस समय के साधनों का इस्तेमाल कैसे करना है और किस तरह से लोगों में काम को बाँटना है।
 
 सबसे पहले आपको प्रोजेक्ट को प्लान करने पर फोकस करना चाहिए। इसमें आपको यह लिखना चाहिए कि कौन सा व्यक्ति किस काम के लिए जिम्मेदार होगा और वो उस काम को कब तक कर के देगा। अपने लोगों को काम और उसे पूरा करने की एक डेडलाइन दे दीजिए ताकि वे उससे पहले उसे पूरा कर के दिखाएँ।
 
 इसके बाद आता है समस्या को सुलझाने और फैसले लेने की स्किल जिसमें आप जानकारी को अच्छे से समझते हैं, समाधान के बारे में सोचते हैं और ग्राहकों पर ध्यान देते हैं।
 
 जानकारी को अच्छे से समझने के लिए आपको यह देखना आना चाहिए कि हर समस्या में क्या काम है। अगर आपके पास बहुत सी समस्याएं एक साथ सारे हैं, तो खुद से पूछिए – मैं वो कोन सा एक काम कर दूँ जिससे यह सारी समस्याएं सुलझ जाएं?
 
 इसके बाद जो आखिरी स्किल इस कैटेगरी में आता है, वो है बदलाव लाने के लिए काम करना। इसमें भी तीन स्किल्स आते हैं – लोगों को विजन के बारे में बताना, नए आइडियाज़ पर काम करना और रिस्क मैनेज करना।
 
 अगर आप नए आइडियाज़ लाने की कोशिश कर रहे हैं तो यह सोचिए कि आप किस तरह से कम साधनों का इस्तेमाल करके अपनी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। रिस्क को कम करने के तरीकों के बारे में सोचिए। इन सारे ही कामों में माहिर बनने के बाद आप एक महान लीडर बन पाएंगे।
 
 

अपने लोगों की परवाह करने से आप एक इज्जतदार लीडर बन सकेंगे।

 
 बहुत से लीडर्स होते हैं जिन्हें लोग बहुत पसंद करते हैं। आपको अपने करिश्मा पर काम कर के खुद को इसमें बेहतर बनाना होगा। इसके लिए आपको 3 स्किल्स में माहिर बनना होगा- लोगों को मनाना और उनपर अपनी छाप छोड़ना, लोगों को बेहतर बनाकर टीम मैनेज करना और बातचीत करने की कला।
 
 लोगों को मनाने और उनपर अपनी छाप छोड़ने के अंदर तीन दूसरी स्किल्स आती हैं – लोगों पर असर डालना, लोगों के अंदर के विरोध को खत्म करना और मोलभाव करना। सबसे पहले हम यह देखेंगे कि किस तरह से आप लोगों के अंदर के विरोध को खत्म कर सकते हैं।
 
 बदलाव किसी को भी पसंद नहीं होता है। इसलिए जब भी आप अपने प्लान या काम करने के तरीके को हालात के हिसाब से बदलने की कोशिश करेंगे, तब आपके लोग उसे अपनाने से कतराएंगे। इसलिए आपको अपने लोगों से बात कर के यह पता लगाना होगा कि वो क्यों इस बदलाव को नहीं अपनाना चाह रहे हैं। हो सकता है कि इस बदलाव की वजह से उसे किसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा हो। एक बार आप उसे उस समस्या से निकलने का रास्ता दिखा देंगे, तो आप उसके अंदर के विरोध को खत्म कर देंगे।
 
 इसके बाद आता है लोगों को और टीम को बेहतर बनाने की कला। इसमें जो छोटे छोटे स्किल्स आते हैं, वे?.
 
दूसरों को काबिल बनाना, उन्हें रास्ता दिखाना और टीम को मजबूत बनाने पर काम करता।
 
 बहुत से लीडर्स होते हैं जो कि सारे फैसले खुद से करना चाहते हैं। वे नहीं चाहते कि उनकी टीम में कोई और फैसला ले क्योंकि वे अपने लोगों की काबिलियत पर भरोसा नही करते। अगर ऐसा है, तो आपको अपने लोगों को काबिल बनाना होगा। अगली बात जब कोई व्यक्ति कुछ नया काम करने जाए, तो उसे वो काम करने दीजिए,
 
और उससे पूछिए कि किस तरह से आप उसकी मदद बन सकते हैं। लेकिन उसे सिर्फ सहारा दीजिए, उसके लिए उसका काम मत कीजिए। इस तरह से आप उसे काबिल बना पाएंगे।
 
 अंत में आता है बातचीत करने का तरीका। इसमें आप लोगों से अच्छे रिश्ते बनाना, अपना प्यार दिखाना, उनकी परेशानी सुनना और साफ साफ बात करना सीखते हैं। साफ शब्दों में बात करने के लिए आपको अपनी कल्पना को मजबूत बनाना होगा। अलग अलग एग्ज़ाम्पल्स का सहारा लेकर अपनी बात को लोगों तक पहुंचाने की कोशिश कीजिए।
 
 एक अच्छा लीडर बनना इतना भी मुश्किल नहीं है। बस आपको एक के बाद एक इन छोटी छोटी आदतों को अपनाने पर काम करते रहना होगा और एक दिन आप खुद को पूरी तरह से बदला हुआ पाएंगे।
 
 

Conclusion –

 
 एक अच्छा लीडर बनने के लिए किताबें पढ़ना या फिर सेमिनार में जाना काफी नहीं है। इसके लिए आपको हर दिन कुछ छोटी छोटी आदतों की प्रैक्टिस करनी होगी। अपने लोगों से काम करवा कर नतीजे पैदा करवाना और अपने लोगों का खयाल रखना एक लीडर की दो सबसे खास बात होती है। एक के बाद एक स्किल को प्रैक्टिस करने से आप बहुत जल्दी एक महान लीडर बन जाएंगे।
 

क्या करें?

 
अपने टीम के लोगों के बीच के कनेक्शन को मजबूत बनाने पर काम कीजिए।
 
 एक लीडर का काम होता है कि वो अपने टीम के लोगों को एक दूसरे से जोड़कर रख सके। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप उन्हें कभी कभी एक पार्टी में बुला लें, ताकि वे एक दूसरे से मिल सकें। आप अपने लोगों को एक दूसरे से बात करने के लिए हर रोज कुछ बहाने देते रहिए। अगर आप उन्हें एक ईमेल लिख रहे हैं, तो उसमें भी अपनी टीम के किसी दूसरे व्यक्ति का जिक्र कीजिए और उससे बताइए कि क्यों उसे उस व्यक्ति से मिलना चाहिए।
 
 
 
 तो दोस्तों आपको आज का हमारा यह बुक समरी कैसा लगा नीचे कमेंट में जरूर बताये और क्या आप भी Leader बनना चाहते हैं मुझे जरूर बताये दोस्त।
 
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आपका बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से धन्यवाद,
 
Wish You All The Very Best.

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