मैडिटेशन या ध्यान क्या है, फायदे और कैसे करें | Meditation in Hindi

Hello दोस्तों, क्या आप जानते हैं हैं कि मैडिटेशन क्या है, Vipassana Meditation क्या है, क्या मैडिटेशन के फायदे के बारे जानते हैं? मैडिटेशन कैसे करते है मतलब सही तरीका क्या है मैडिटेशन करने की? आपको ध्यान (मैडिटेशन) करते समय किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए? ध्यान से उठने के बाद क्या नहीं करना चाहिए? इन सब के बारे में आप इस पोस्ट में जान पाएंगे। दोस्तों मैं खुद हर दिन सुबह और रात को सोने से पहले मैडिटेशन का प्रैक्टिस करता हूँ। मॉर्निंग के इम्पोर्टेन्ट ऐक्टिविटीज़ में से एक है मैडिटेशन यानी ध्यान, जो सभी को रोज़ करनी चाहिए। ये एक ऐसी स्टेज होती हैं जहाँ आपका माइंड एकदम क्लियर होता है और इमोशंस एकदम शांत होता है।

मैडिटेशन करके आप अपनी कॉन्शियसनेस और अवेयरनेस भी बढ़ा सकते हैं, और फिर आप अपने माइंड को और भी अच्छी से यूज़ कर सकते हैं, क्यूंकि हम सबको दिन भर में बहुत कुछ काम करना होता है, मेंटली और फिजिकली वर्क। और हम कुछ 3-4 घंटे काम करने के बाद ही थक जातें है, और आलस हमे घेर लेती है। तो अगर आपको इन सभी को overcome करना है, और आपको मेंटली और फिजिकली स्ट्रांग बनना है, और अपने लाइफ को बेहतर तरीकेसे जीना है तो आपको मैडिटेशन करना ही पड़ेगा।

मैडिटेशन एक आध्यात्मिक सच्चाई है और यह हमें अनोखे सफर पर ले जाते है, ये एक ऐसा सफर है जो आपका जीवन ही बदल देगा, यह सफर आपको ज्ञान और सुख की सीमा तक ले जायेगा। एक अद्भुत सा अनुभव कराएगा और आप जिंदगी में बड़ी ऊंचाई तक पहुँच पाओगे। यह Article ध्यान (मैडिटेशन) और ध्यान के अनुभवों पर लिखा गया है, यह पोस्ट आप एकदम free minded हो कर पढ़िए। अगर आपको पता नहीं असल में मैडिटेशन होता क्या है? मैडिटेशन करने से हमको क्या-क्या फायदा मिलता है? मैडिटेशन क्यों करना चाहिए हमको? यानी मैडिटेशन की पूरी जानकारी के लिए आप यह article पूरा जरूर पढ़े। आपके अंदर के सभी thoughts को दूर कर दीजिये, गहरी साँच लीजिये और बस पढ़ते जाइये। तो चलिए शुरू करते हैं –

Meditation in Hindi – मैडिटेशन क्या है, इसका लाभ और मैडिटेशन कैसे करे(सरल तरीका)

आपको पहले basics of meditation को सीखना जरुरी है।

मैडिटेशन या ध्यान क्या है? (What is Meditation?)

मैडिटेशन या ध्यान एकाग्रता की चरम सीमा होती है। ध्यान में हम अपनी चेतना को मन के विभिन्न भागों ले जाते हैं। ध्यान हमें बुद्धिवादिता के दायरे से निकलने की क्षमता देता है। ध्यान की परिणति है आत्म-साक्षात्कार या आत्म-दर्शन। वैसे अन्य व्यक्तिगत अनुभवों की तरह ध्यान को भी शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता। सभी को स्वयं ध्यान के बारे में जानने का हर संभव प्रयास करना चाहिए कि यथार्थ क्या है। अनुभव ही वास्तविक है, तथा शब्दों से परे है। सरल अर्थ में जब भी हम पूरी चेतना के साथ अपने आपको देखते हैं, मन को परखते हैं और भूत एवं भविष्य को छोड़ करके हम पूरी तरह से प्रेजेंट मोमेंट में रहते हैं, तो उसी मानसिक व्यायाम को हम ध्यान कहते हैं। ध्यान जीवन जीने का एक तरीका/कला होता है और इसलिए ध्यान करना नहीं देना होता है। ध्यान मतलब पुरे दिन में अपनी हर सोच का परख यानी हम अपनी बीज या जड़ के ऊपर एकाग्रता बढ़ाने का प्रयास हैं। ध्यान का लक्ष्य है पहले आत्मा को पहचानना और धीरे धीरे उसकी लेवल बढ़ाते हुए परमात्मा तक पहुंचना।

मैडिटेशन के प्रकार (Types Of Meditation)

ध्यान दो प्रकार के हैं –

  • सक्रिय
  • निष्क्रिय

सक्रिय ध्यान क्या है?

सक्रिय ध्यान तब होता है जब व्यक्ति अपने दैनिक कर्तव्यों का पालन करता है, चलता है, बोलता है, खाता है, इत्यादि। वास्तव में योग का उद्देश्य यह है कि सामान्य जीवन के कर्म-संपादन में भी मनुष्य ध्यान की अवस्था में रह सके। यही सक्रिय ध्यान है। निष्क्रिय ध्यान के माध्यम से भी सक्रिय ध्यान का अभ्यास किया जा सकता है।

निष्क्रिय ध्यान क्या है?

निष्क्रिय ध्यान में एक आसन में बैठकर ध्यान का अभ्यास किया जाता है, निरंतर चंचल मन को एक बिन्दु पर केंद्रित करता ही निष्क्रिय ध्यान का उद्देश्य है ताकि ध्यान के अनुभव स्वतः होने लगें। किसी वस्तु, ध्वनि, श्वास, या तस्वीर इत्यादि पर ध्यान केंद्रित करके ही निष्क्रिय ध्यान की प्रारम्भ किया जाता है और आत्म-साक्षात्कार ही इसकी अंतिम लक्ष्य है।

सफल निष्क्रिय ध्यान के फलस्वरूप सक्रिय ध्यान स्वतः सफल हो जाता है।

निष्क्रिय ध्यान को कई भागों में विभाजित किया जाता है, जैसे –

  • अध्यात्मिक ध्यान
  • सचेतन ध्यान (माइंडफुलनेस मैडिटेशन)
  • कुंडलिनी योग ध्यान
  • ज़ेन ध्यान
  • मंत्र ध्यान

अध्यात्मिक मैडिटेशन (Spiritual Meditation)

अध्यात्मिक मैडिटेशन सनातन धर्म से ही उत्पति हुए हैं। चूँकि यह दिन के ऐसे तरीके हैं जहाँ पर आपको अपने इष्ट देव को पाने के लिए या मोक्ष प्राप्ति हेतु इसका अभ्यास किया जाता है। यह ध्यान भक्ति योग के अंदर आते हैं। यानी आप खाते, पीते, सोते-जागते केवल और केवल उस परम भगवान् श्री कृष्ण के बारे में ही सोचते रहते हैं। आप कर्म तो करते हो लेकिन कर्म अपने आप हो जाते हैं और भगवान् के प्रति हर वक़्त आपके मन में भक्ति रहती है और इसके लिए आपको कही बैठ कर इसका अभ्यास करने की जरूरत नहीं पड़ती है। यानी आपका मन हर पल भगवान् में ही लगे रहते हैं और वह आपके भक्ति के ऊपर डिपेंड करता/करती है यही आध्यात्मिक ध्यान या मैडिटेशन है। और यही ध्यान का मूल(जड़) है।

माइंडफुलनेस मैडिटेशन (Mindfulness Meditation)

माइंडफुलनेस मैडिटेशन में आप अपने आस-पास हो रही अलग-अलग गतिविधियों, ध्वनियों और महक पर सचेत हो जाते हैं। और आपका पूरा ध्यान प्रेजेंट मोमेंट पर होते हैं। इस ध्यान के जरिये आप अपने सचेतन मन को और सचेत करने के प्रयास करते हैं। इस ध्यान को तब करा जाता है जब लोग बहुत ज्यादा स्ट्रेस, डिप्रेशन में रहते हैं, जब लोग पास्ट को भूल नहीं पाते, जब हर वक़्त पास्ट के बुरी यादें आते रहते हैं और भविष्य की चिंता चटाये जाते हैं। तब इस प्रेजेंट मोमेंट के ऊपर रहने की कोशिश करने वाली यह माइंडफुलनेस मैडिटेशन का अभ्यास किया जाता है। इस ध्यान को आप किसी भी वक़्त प्रैक्टिस कर सकते हैं।

कुंडलिनी योग ध्यान (Kundalini Yoga)

ज़ेन मैडिटेशन (Zen Meditation)

मंत्र मैडिटेशन (Mantra Meditation)

विश्वशक्ति या Cosmic Energy क्या है?

इस पूरी सृष्टि के हम एक बहुत ही छोटे से कण (particle) है, दुनिया में हर एक इंसान की एक ही लक्ष्य है – अच्छा स्वास्थ, शांति, ज्ञान, सुभाग्य, शक्ति मतलब हर समय हर हाल में सुख और शांति की कामना, और यह पाने के लिए हर एक इंसान कड़ी मेहनत करता है, मगर क्या हम इसे आसानी से पा सकते है? जी हां, ये हासिल की जा सकती है। ये सब तभी मुमकिन है, जब हम आत्मज्ञान (self-knowledge) और विश्वशक्ति (cosmic energy) को समझ लेंगे, तो चलिए सबसे जानते हैं पहले कि विश्वशक्ति क्या है और कैसे काम करते हैं –

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विश्वशक्ति पुरे विश्व में मजूद है, इस शक्ति से पुरे तारापुंज, ग्रह, मनुष्य, परमाणु बंधे हुए है। ये हर जगह मजूद है, इसका बंधन पुरे विश्व को व्यवस्थित रखता है। जब हम गहरी नींद या पूरी ख़ामोशी के स्टेट में रहते हैं तब हमे थोड़ी सी विश्वशक्ति मिलती है। इस शक्ति का हम अपने रोज के दिमागी कामों में इस्तेमाल करते है। जैसे देखना, बोलना, सुनना, सोचना यानी शरीर के हर काम में इस शक्ति का उपयोग होते हैं। ये थोड़ी सी शक्ति हमें सिर्फ सोते समय मिलती है, जो इन सब कामों के लिए काफी नहीं होते है।

इसलिए तो हम थक जाते है, तनाव से भर जाते है, इससे हम शारीरिक और मानसिक (mental) झंझटो में फंस जाते है, बीमार हो जाते है, सुबह ऑफिस जाते ही थकान आने लगते हैं, ऐसा लगते है कि शरीर में बल ही नहीं हैं, ज्यादा परिश्रम कर नहीं पाते हैं। इन सब से छुटकारा पाने के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा विश्वशक्ति मिलनी जरुरी है, और वह कहाँ से मिलेगा? सुबह के थोड़े से Meditation से।

तो चलिए जानते हैं मैडिटेशन से हमें क्या क्या फायदा होता है –

ध्यान के फायदे (Benefits of Meditation)

संतुलन एवं चेतना

विश्वशक्ति जीवन शक्ति है, दिव्य शक्ति है, विश्वशक्ति हमारे ज़िंदगी के संतुलन (balance) और चेतना (consciousness) के लिए बहुत जरुरी होते है, विश्वशक्ति हमारी हर क्रीड़ा और काम की निंब है। विश्वशक्ति जरुरी है हमारे शरीर का संतुलन बनाये रखने के लिए, सुखी और स्वस्थ जीवन के लिए, हर काम और मौके से जूझने के लिए, ज्ञान हासिल करने के लिए, और अपनी चेतना बढ़ाने के लिए।

भरपूर विश्वशक्ति केवल ध्यान (meditation) से मिलती है, नींद अचेत ध्यान है, ध्यान समझ सचेतन नींद है। नींद में हमे थोड़ी सी ही विश्वशक्ति मिलती है लेकिन ध्यान से भरपूर शक्ति मिलती है। ये शक्ति हमारे शरीर की, दिमाग की और बुद्धि की शक्ति बढाती है, छठी इंद्री उजागर करती है और भी बहुत कुछ।

इस ज्ञान से बढ़ी हुई शक्ति से हम बिना तनाव से स्वस्थ और खुस रह सकती है, हमारी शक्ति बहुत बढ़ जाती है, ध्यान हमारी चेतना स्वयं की ओर आने की सिवा कुछ नहीं है, ध्यान से हम जानबुज कर अपने शरीर से दिमाग तक जाते है, दिमाग से ज्ञान और ज्ञान से स्वयं की ओर, और उससे भी आगे पहुंस जाते है, ध्यान करने के लिए हमे अपने शरीर की सारि हरकतों को बंद करना परता है, जैसे शरीर का हिलना, देखना, बोलना और सोचना।

स्मरणशक्ति में वृद्धि

हजारों सालों से लोग practice कर रहे है meditation की, spiritual purpose के लिए, emotional purpose के लिए और physical purpose के लिए, लेकिन सवाल ये आता है की scientific point of view से आपकी body कैसे effect होते है meditation से, actual में आपके brain का size change कर देते है।

एक study जो की 2011 Harvard University में Dr. Sara Lazar ने conduct की थी, जिससे पता चला की सिर्फ 8 weeks की meditation से आपका brain का size तीन बहुत important areas में increase होता है –

पहले आता है – left hippocampus, जिससे आपकी कोई भी नयी चीज सिखने की ability और आपकी memory बहुत ज्यादा increase हो जाती है।


  left hippocampus  

दूसरा जो आता है वो है – posterior cingulate cortex, जो आपका mind बार बार नयी thoughts लाता रहता है उस चीज को कम करने के लिए यानि की ये increase करेगा आपका focus.


 

तीसरा जो आता है वो है – amygdala, इस study से ये भी proof हुआ की जो cell volume आपकी brain की हिस्से amygdala – उसे भी ये कम करता है और brain का ये part responsible है – fear, stress और anxiety के लिए।


  Amygdala

गलत आदतें छूट जाता है

मैडिटेशन का और benefit है – की ये आपको आपकी बुरी आदतों को control करने में मदद करता है। एक study जो 2015 में की गयी थी उससे हमे पता चला की brain का एक part है, जिससे हम कहते है – dorsolateral prefrontal cortex, और मैडिटेशन उसे grow करता है, और यह part directly related है हमारी willpower से। इस study में शराब पिने वाले लोगो को दो group में divide किया गया, उनमें से एक group को मतलब group A को 8 weeks तक मैडिटेशन सिखाई गयी।

जब की दूसरे group B को एक 12 steps का program दिया, जब एक साल के बाद दोबारा से उनलोगों को देखा गया की इन दोनों group में से कौन से group दोबारा से शराब पीना start कर दिया है। तो पता चला की group B में से 20% लोगों फिर से शराब पीना start कर दिया है, जब की group A जिसको meditation सिखाई गयी थी उस group में सिर्फ 8% लोगों ने दोबारा शराब पी।

हार्ट स्ट्रांग बनता है

मैडिटेशन करने की next benefit जो health का है वो ये है – की ये हमारी health के लिए मैडिटेशन बहुत ज्यादा अच्छा है,

एक study में पता चला की मैडिटेशन हमारे blood का c-reactive protein level कम कर देता है, जो की directly beneficial है हमारी heart के लिए और heart disease की प्रॉब्लम इन लोगो को बहुत कम होती है जो daily मैडिटेशन करता है, और इसी study से ये भी पता चला की मैडिटेशन से blood pressure भी कम किया जा सकता है।

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जल्दी बूढ़े होने से रोकता है

एक बहुत ही important study जो की 2010 में की गयी थी Nobel prize winner by Elizabeth Blackburn, जिन्होंने proof किया की मैडिटेशन आपकी body को genetics level में भी change करता है, इन्होने proof किया की हमारे chromosomes में एक protective protein complex होते है जिसका नाम है – telomeres,

telomeres

हममें से जो लोगो को ये नहीं पता की telomeres क्या होता है, तो छोटे telomeres की length बताती है की हम जल्दी बूढ़े जायेंगे और मैडिटेशन करने से telomeres की length increase होने में help मिलता है।

हर वक़्त ख़ुश रखता है

Finally जो सबसे important मैडिटेशन का benefit है वो है की मैडिटेशन आपको खुशी provide करता है। एक बहुत ही famous study जो की 2004 में की गयी थी Richard Davidson के द्वारा जिन्होंने साधुओ के, पुजारिओं के, monks के brain की scans लिया और ये सारे साधु जो की सालों से meditation कर रहे है, इन लोगो के brain scans से पता चला की इनके brain से 30 times ज्यादा gamma waves निकलती है। और gamma waves directly related है खुद को control करने के लिए, intelligence के लिए और खुशी के लिए और जो लोग daily meditation करते है वो positive emotions से घिरे रहते है और खुश रहते है।

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Meditation(ध्यान) कैसे करे?

ध्यान करने के लिए आपको कुछ ही नियम मानना होता है, अगर आप ज्यादा नियम मानने लगोगे तो कुछ 2-3 दिन बाद आपका मन करेगा की meditation तो बेकार की चीजे है। वैसे ध्यान के 8 बहुत ही important नियम है (यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि) जो साधारण लोग समझ नहीं पाएंगे या कर नहीं पाएंगे या फिर करने की कोशिस भी करे तो भी 2-4 दिन बाद आप meditation करना ही बंद कर दोगे, आप चाहे तो ये पढ़ सकते है – ध्यान के अष्टांग योग

तो इसीलिए मैं आपको सिर्फ वो बताऊंगा की आप ध्यान(मैडिटेशन) कैसे कर सकते है उसका सरल व् सर्वश्रेष्ठ तरीका, जिसमें आपको हर दिन meditation करने का मन करेगा। जरुरी नहीं की आप पहले दिन से ही 1 घंटा meditation करने लग जाओगे। इसीलिए मैं आपको ऐसा सरल तरीका बता रहा हूँ जिसको follow करने से आपको हर दिन meditation करने का मन करेगा। इससे पहले की उस तरीके को बताऊँ, मैं एक बात आपको clear कर देना चाहता हूँ की ये तरीका सिर्फ उन लोगो के लिए है जो बीमार ना हो या जो स्वस्थ हो। मतलब शरीर आपका normal हो। और अगर आप बीमार हो तो क्यूंकि आप कभी बिना विचार के रह नहीं पाओगे, और क्यूंकि meditation करने के लिए आपको एकदम शांत होना पड़ता है, तो आप जब बीमार हो तो rest करो और डॉक्टर के सलाह लो और जब आप ठीक हो जाओ तब आप meditation करना शुरू करो।

फिर भी आपको अगर लगता है की नीचे बताये गए tips को आप कर सकते है तो आप बीमार होने पर भी उस technique को use करके meditation जरूर करो। ध्यान करने के लिए पहले हमे अपने शरीर की सारी हरकतों को बंद करना परता है, जैसे शरीर का हिलना, देखना, बोलना, सोचना और सुनना।

No 1 :- स्थिति

ध्यान के लिए पहला है स्थिति। स्थिति मतलब स्थान या स्थल। आप किसी भी तरह बैठ सकते है। या फिर आप बिस्तर या योग mat पर ऊपर मुंह करके लेट भी सकते हैं।

अब बैठना या लेटना आरामदायक (comfortable) होना चाहिए।हम जमीन और कुर्सी पर बैठ कर ध्यान कर सकते है, ध्यान हम किसी भी जगह कर सकते है जहा हम सुखदायी हों। मैं तो बिस्तर पर ही कही बैठता हूँ और कभी सीधा लेट करके भी मैडिटेशन करता हूँ। आप बिस्तर पर लेट करके भी meditation कर सकते है, जैसे मैं तो कभी कभी ऐसे भी करके देखता हूँ, और तब भी मैं meditation की उस state तक पहुँच जाता हूँ जैसा मुझे बैठ करके करने से अनुभव होता है।

हाँ एक बात ध्यान में जरूर रखे उस समय की आपकी नींद ना आ जाये। आपको पूरा होश में रहना पड़ता है।

और मैं तो एक और Interesting तरीकेसे Meditation करता हूँ कि – मैं जब रात को सोता हूँ, तो मैं अपने कान में earphone लगा कर एक video को audio के रूप में सुनता हूँ जो मुझे meditation की उस state पर ले जाते है, जहाँ मुझे कभी कभी अलग से meditation करने की जरुरत नहीं पड़ती है। हाँ ऐसा मैं कभी कभी ही करता हूँ। इसे Guided Meditation बोलते हैं। यूट्यूब पर सर्च करके आप इसका हर दिन प्रैक्टिस कर सकते हैं।

meditation rule

No 2 – आराम से बैठिये, पैरों को मोरिये

जब आप बैठ करके मैडिटेशन करते है, तो आप इस बात का ध्यान रखे की आप किसी ऐसी जगह बैठे जो एकदम बैठने में मुलायम है।

No 3 – उंगलिओं को फसाइये

जैसे मैंने बताया कि मैं कभी कभी सो कर भी मैडिटेशन करता हूँ, तब भी आपको वैसे ही उंगलिया फ़साना है, जैसे आप बैठे हुए करते हो।

No 4 – आँखें बंद कर लीजिये

आंख बंद ना होने से आपके सामने जो चीजे है, उससे related थॉट्स यानी विचार आपके मन में चलता ही रहेगा, इसीलिए आंख बंद जरूर होना चाहिए।

No 5 – Ear Plug का इस्तेमाल जरूर करें

अंदर और बहारों की आवाज पर रोक लगाइये, इसके लिए आप आपकी कान में ear plug लगा लीजिये, क्यूंकि कान से अगर आपके दिमाग में किसी और की बात चला जाता है तो आपको ध्यान लगाने में कठिनाई होता है।

No 6 – मंत्र उच्चारण

किसी भी मंत्र का उच्चारण मत कीजिये, क्यूंकि आपके मन कोई ध्वनि होने से आपकी मन अशांत हो जाता है और कुछ भी फालतू चीजें सोचने लगते है।

No 7 – पुरे शरीर को ढीला छोड़ दीजिये, ढीला मतलब बिलकुल ढीला।

जब हम पैरों को मोरते है और उंगलिओं को फसा लेते है तो शक्ति का दायरा बढ़ जाता है, स्थिरता बढ़ जाती है। आँखें दिमाग की द्वार (door) है इसलिए आँखें बंद होनी चाहिए, मंत्र उच्चारण कोई भी ध्वनि अंदर की या बहार की ये मन की क्रियाये है, इसलिए इन्हे बंद करना होगा, जब शरीर ढीला छोड़ दिया जाता है चेतना दूसरे कक्ष में पहुँच जाती है। मन विचारों का समूह है, यानी बहुत से बिचार हमारे मन में उभरते रहते है, जब विचार आते हैं तो प्रश्न भी उठ खड़े होते है, जाने और अनजाने। और हम विचारों उलझ जाते हैं।

No 8 – पूरा ध्यान अपने सांस पर दें

मन और बुद्धि को भावातीत करने के लिए हमे अपनी सांस पर ध्यान देना चाहिए, अपने आप पर ध्यान देना हमारी प्रकृति है। जान – बुझ कर सांस न लीजिये, जान – बुझ सांस लीजिये न छोड़िये, सांस लेना या छोड़ना अनायास होना चाहिए। एकदम प्राकृतिक सांस पर ध्यान दीजिये। आपको अपने सांस को देखना पड़ेगा, बिना सांस पर ध्यान लगाए आप Meditation की अगली स्टेट पर नहीं पहुँच सकते।

मन में बहुत सारा विचार तो आएंगे, फिर भी आप अपने सांस पर ध्यान लगाए। फिर आपके मन में विचार आएंगे और फिर आपको अपने सांस पर ध्यान देना है। बार बार सांस से आपके ध्यान भंग हो जायेगा, फिर आपको अपने सांस पर ध्यान देना है। जब बार बार आप ऐसा करोगे तो कुछ दिन बाद आपका ऐसा-वैसा फालतू thoughts आना बंद हो जायेगा। और तभी आप अपने आप Meditation के अगले स्टेट में पहुँच जाओगे। – ये meditation की व्याख्या है, यही पहला stage है।

No 9 – विचारों का पीछा मत कीजिये

जब भी आप मैडिटेशन करने बैठेंगे तो आपके मन में हज़ारो विचार मतलब thoughts आएंगे। उस time आप ये कर सकते है की आपके मन में जो भी thoughts चल रहे है उसको चलते रहने दो। तब आपको अपने मन में ही कहना है – “चल कितना thoughts या विचार आता है मेरे मन में, मैं भी देखता हूँ, जितना thoughts आ सकता है आओ” ये शब्द सुनने में तो बहुत funny है, लेकिन ऐसा करने से आपके मन एकदम से शांत हो जाता है, बिना विचार वाली स्टेट में पहुँच जाता है।

अभी आप करके देखो। बोलो “देखता हूँ मेरे दिमाग में अभी क्या चल रहा/रही है” और Magically आपका पूरा थॉट्स गायब!

विचार, सवाल उनसे छिपक मत जाईये, अब उस तरीकेसे विचारों को हटा दीजिये। एक बार जब आप ध्यान करने बैठ जाये आपको बहुत सारे विचारों का सामना करना पड़ेगा मतलब आपके मन में बहुत सारे विचार आएंगे। जैसे मैंने ऊपर बताया हुआ है आप वही करो।

No 10 – सांस पर ध्यान दीजिये

सांस पर पुनः ध्यान दीजिये, प्राकृतिक सांस पर ध्यान दीजिये, सांसो में खो जाईये। विचार तो आएंगी ही, फिर भी अगर आप अपने साँस के ऊपर बार बार ध्यान देने की कोशिस करते रहोगे ना, तो धीरे धीरे मतलब कुछ एक महीने के अंदर अंदर आप एक ऐसी स्थिति में पहुँच जाओगे, जहाँ पर आप अपने विचार को किसी भी समय में जब आप चाहे Control कर पाओगे। ये सच्चाई है। लेकिन कुछ 21 दिन तक आपको लगातार Meditation करना पड़ेगा, और वो भी कहने के लिए नहीं, की आज 21 दिन पुरे हो गए है मेरा meditation के इस सफर में। ना ऐसा करने से आपको आगे लाभ नहीं मिलेगा, आपको 21 दिन के बाद भी honestly हर दिन कुछ मिनट Meditation करना ही करना है, तभी आप इसका लाभ उठा पाएंगे।

साँस पर मैं इतना ध्यान क्यों देने को कह रहा हूँ – क्यूंकि साँस ही ऐसा चीज है जो आपको बिना विचार वाली स्टेट पर ले जाता है।

मैडिटेशन(ध्यान) की दशा

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निर्मल स्थिति or बिना विचारों वाली दशा

धीरे धीरे सांसो की गहराई कम होती जाएगी, धीरे… धीरे सांस हलकी और छोटी होती जाएगी, आखिर में सांस बहुत छोटी हो जाएगी, और दोनों भागों के बीच में चमक का रूप ले लेगी, इस दशा में हर किसी में न सांस रहेगी न बिचार, आप बिचारों से परे हो जायेंगे, ये दशा कहलाता है – निर्मल स्थिति या बिना बिचारों की दशा, ये ध्यान की दशा है। ये वो अवस्था है जब हम पर विश्वशक्ति की बौछार होने लगती है। हम जितना ज्यादा ध्यान करेंगे उतनीही ज्यादा विश्वशक्ति हमें प्राप्त होगी, विश्वशक्ति प्राणमय शरीर की शक्ति में प्रवाह करती है, शक्ति से भरा हुआ शरीर प्राणमय कहलाता है।

Vipassana Meditation

भगवान बुद्ध ने इस Vipassana Meditation के जरिये ही एनलाइटनमेंट हो गए थे। अब Vipassana Meditation के अलग अलग प्रकार के बारे में जानेंगे।

विज्ञान जिसे हम मॉडर्न साइंस कहते हैं, उसे ज्यादातर लोग फिलॉसोफी या इन्वेंशंस के साथ जोड़कर देखते हैं। लेकिन हम ध्यान यानी Meditation की बात करते हैं तब हम इसे साइंस नहीं बल्कि धर्म के साथ जोड़ कर देखने लगते हैं। हम ध्यान को पुराणी टेक्निक्स मानते हैं जो शायद आज के लिए उतनी काम की नहीं हैं। लेकिन मैं आपको गलत साबित कर सकता हूँ।

साइंस का मतलब होता है स्टडी ऑफ़ नॉलेज अबाउट फिजिकल वर्ल्ड। यानी फिजिकल वर्ल्ड की किसी भी तरह की नॉलेज लेना साइंस कहलाता है। यानी आप गिलास लेकर उसमें पानी भरते हैं उसमें भी साइंस है, आप जमीन खोदकर धातु निकालते है उसमें भी साइंस है, इसी तरह से फिजिकल चीजों की स्टडी करना भी साइंस है, चाहे वो ह्यूमन बॉडी या ह्यूमन माइंड हो। जिस तरह से हम किसी चीज पर रिसर्च करके उससे नॉलेज गेन करते हैं, Meditation भी उसी तरह से हैं। हमारे दिमाग पर रिसर्च करके उससे नॉलेज गेन करना।

साइंस में कुछ चीजें होती हैं जिसे खोल या टच करके नॉलेज ले सकते हैं और कुछ चीजें फिजिकल नहीं होती, हम बस ऑब्ज़र्व करके उससे नॉलेज लेते हैं। हमारा दिमाग भी ऐसी ही चीजों में से एक है, हम इसे खोल कर या बाहर निकल कर इससे नॉलेज नहीं ले सकते, तो हमें इसे इंटरनली ऑब्ज़र्व करना पड़ता है। Meditation भी इसी माइंड को ऑब्ज़र्व और कण्ट्रोल करने का तरीका है, जिसे हम साइंस का एक भाग कह सकते हैं।

दोस्तों ये चीज मैं आपको इसलिए बता रहा हूँ ताकि आपको meditation के बारे में रियल जानकारी मिल सके। दोस्तों आज हमारे पास Meditation की बहुत सारी टेक्निक्स है, जो अलग अलग तरीकेसे काम करती है। लेकिन मैं आज इनमें से सबसे पावरफुल तकनीक लेकर आया हूँ, जो पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा अपनाई जाती है। इस तकनीक में आपको कोई उड़ने या कोई अलौकिक शक्ति नहीं मिलेगी, मैं सिर्फ रियल Meditation के बारे में बताने वाला हूँ। जो आपको मेंटली क्लियर और एमोशनली शांत और स्टेबल बना देगी।

इस मैडिटेशन तकनीक का नाम तो आपने सुना ही है – Vipassana Meditation, जो दो शब्दों से मिलकर बनी है वि और उपासना।

वि का अर्थ होता है खास और उपासना का अर्थ होता है – उप अर्थात उपर की ओर या फिर उपर की ओर प्रयास, आसन अर्थात बैठना। सिंपल शब्द में उपासना का अर्थ है आराधना या भक्ति करना। यह एक संस्कृत शब्द है जिसका मतलब है खास तरह से देखना होता है। ये Meditation की खास तकनीक है जो प्राचीन भारत में महान ऋषिओं द्वारा अपनाई जाती थी। बाद में समय के साथ इसे भुला दिया गया। लेकिन 400 – 500 BC को इसे भारत के स्पिरिचुअल गुरु सिद्धार्थ गौतम बुद्ध ने दुबारा दुनिया के सामने लाया। वो इसी Vipassana (विपस्सना) Meditation के जरिये दिमागी क्षमता हासिल कर पाए और गौतम बुद्ध कहलाये, और वो enlightenment बन गए।

Vipassana Meditation तकनीक को चार भागों में बांटा जाता है –

  • कायानुपस्सना
  • वेदनानुपस्सना
  • चित्तानुपासना
  • धम्मानुपासना

इन चारों टेक्निक्स को करने के बाद हम self-consciousness को जान पाते हैं।

कायानुपस्सना

ये दो शब्दों से मिलकर बनता है। काया यानी शरीर उपासना यानी खास तरह से देखना। इसमें अपने शरीर को खास तरह से ऑब्ज़र्व किया जाता है। इस तकनीक में ध्यान मुद्रा में बैठकर अपनी सांसो पर ध्यान लगाया जाता है। हमारे नाक और मुँह के बीच जो जगह होती है, हमें उस जगह पर ध्यान लगाना होता है। हमें सिर्फ साँस को ही महसूस करना होता है। इसके अलावा कुछ नहीं देखना या सोचना होता है।

इस तकनीक से हमारे दिमाग को खाली किया जाता है, क्यूंकि हमारा दिमाग हर वक़्त हज़ारों थॉट्स से भरा रहता है। इस तकनीक में हमें पूरा दिन हर को जज नहीं करना होता है, जैसे हम किसी चीज को देखते हैं तो उसका नाम दिमाग में बोलते हैं, इससे हम उसे जज करते हैं और उससे बोर हो जाते हैं। लेकिन इस कायानुपस्सना तकनीक में हमें उस चीज को ऑब्ज़र्व करना है, लेकिन उसको जज नहीं करना।

आप एक कुरसी को ऑब्ज़र्व कर सकते हैं, इससे आप घंटो एक ही जगह पर कुरसी को ऑब्ज़र्व कर सकते हैं, और उससे बोर भी नहीं होंगे। इस तकनीक से हम शांत होते हैं और हम छोटी चीज की ख़ुशी महसूस कर पाते हैं। जैसे एक बच्चा कर पाता है। एक बच्चे को ज्यादा चीजों के बारे में नहीं पता होता, इसलिए छोटी छोटी चीजों में ही वो ज्यादा खुश रहता है। वो किसी भी चीज को जज नहीं करता बल्कि ऑब्ज़र्व करता है की वो चीज क्या है!

वेदनानुपस्सना

वेदना यानी फीलिंग्स, उपासना यानी खास तरह से देखना। इस तकनीक में अपनी भावनाओं को अलग तरह से देखा जाता है। जिस तरह से अगर किसी और को दर्द होता है या उदासी होती है तो हम उसे महसूस नहीं कर पाते, क्यूंकि हम वो नहीं होते। उसी तरह से हमें अपनी फीलिंग्स को भी आउट ऑफ़ बॉडी महसूस करना होता है।

इस तकनीक में हमें ध्यान मुद्रा में बैठकर बस अपनी फीलिंग्स को ऑब्ज़र्व करना होता है। हम ध्यान मुद्रा में बैठे हैं तो हमें कई तरह की फीलिंग्स आती है। खुजली, दर्द, etc. हमें उस पर व्यक्त ना करके बस उसे ऑब्ज़र्व करना होता है।इसके बाद पूरा दिन हमें अलग अलग फीलिंग्स को ऑब्ज़र्व करना होता है। ये तकनीक हमें फीलिंग्स पर कण्ट्रोल करवा देती है। इसी तकनीक के कारण Meditation करने वाला अंदर से इतना ज्यादा शांत हो जाता है की उसे इमोशनलेस कह सकते हैं।

चित्तानुपासना

चित्ता यानी मन (माइंड) और उपासना यानी खास तरह से देखना। हमारा दिमाग हर वक़्त थॉट्स से भरा रहता है। साइंटिस्ट बताते हैं कि हर रोज हमारे दिमाग में 60k – 80k थॉट्स आती है। यानी हर घंटे 2500 से 3300 थॉट्स। इतनी सारी थॉट्स में नेगेटिव और पॉजिटिव हर तरह की थॉट्स होती है। लेकिन ज्यादातर थॉट्स वेस्ट थॉट्स होती है, जिसकी हमें कोई जरुरत नहीं होती। अब इस तकनीक में हम ध्यान मुद्रा में बैठ कर अपनी थॉट्स को ऑब्ज़र्व करते हैं।

हमें अपने मन को फ्री फ्लोइंग मोड में लाना होता है। यानी जो भी थॉट्स आये चाहे वो नेगेटिव हो या पॉजिटिव हमें उसे बहने देना है। उसे ऑब्ज़र्व करना है। सोचने की कोशिश नहीं करनी। जिस तरह से एक छोटी जगह से जब पानी निकलता है तो प्रेशर के साथ निकलता है और आवाज करता है। लेकिन पानी निकलने की जगह बड़ी हो जाती है तो पानी शांत हो जाता है। हम भी जब थॉट्स को रोकने की कोशिश करते हैं तो हमारा मन प्रेशर में आ जाता है और unstable रहता है, लेकिन अगर हम बस उसे ऑब्ज़र्व करें और बहने दें तो हमारा मन शांत हो जाता है। धीरे धीरे हमारा मन वेस्ट थॉट्स को छोड़ना शुरू कर देगा और आप अपने दिमाग के ऊपरी लेवल तक पहुँचने लगेंगे। तब आपका कण्ट्रोल आपकी थॉट्स पर होगा।

धम्मानुपासना

धम्मा यानी माइंड ऑब्जेक्ट्स और उपासना यानी खास तरह से देखना। गौतम बुद्ध की teachings के अनुसार हमारे माइंड के पांच ऑब्जेक्ट्स होते हैं, जिन पर कण्ट्रोल किये बिना हम रियल ट्रुथ नहीं जान पाते।

ये पांच माइंड ऑब्जेक्ट्स हैं –

  1. इच्छा
  2. वेर
  3. आलस
  4. बेचैनी
  5. संदेह

ये पांच माइंड ऑब्जेक्ट्स आखिरी बाधा होता है सच्चाई को जाने के। जिस तरह से धुआं होने पर हम कुछ देख नहीं पाते, ये माइंड ऑब्जेक्ट्स भी उसी धुएं की तरह होते हैं। इसके हटने पर हम अपने दिमाग के core तक चले जाते हैं। इसे कहते हैं ट्रुथ अस इट इज या रियल कॉन्ससियसनेस। इसके लिए ध्यान मुद्रा में बैठकर इन्हीं पांच ऑब्जेक्ट्स को खत्म करना होता है। और धुआं खत्म हो जाता है। हम साफ साफ सच्चाई को देख पाते हैं।

प्राणायाम के जरिये ध्यान

मैं आपको प्राणायाम के बारे में बताने वाला हूँ, की कैसे प्राणायम करके उसके जरिए मैडिटेशन कर सकते हैं। तो इस प्राणायाम के थ्रू ध्यान कैसे करें –

pranayam Meditation in Hindi
source – nirogam.com
  1. अगर आप बैठे हैं तो आराम से बैठे।
  2. अपना दाहिने हाथ की दो उँगलियों को अपने माथे पर रखें और उसी हाथ के अंगूठे से अपने नाक को एक तरफ़ से बंद करें (ऐसा करते हुए आपकी दो उंगलियां आपके माथे पर ही होनी चाहियें)।
  3. एक तरफ़ से सांस लें और दूसरी तरफ़ से निकालें।
  4. अपने लेफ्ट हैंड की थंब और इंडेक्स फिंगर को जोड़कर ‘O’ शेप बनाएं और बाकी की उँगलियों को बाहर की तरफ़ रखें।
  5. अपने लेफ्ट हैंड को इसी तरीके से अपने घुटने के ऊपर रखें।
  6. आपको सिर्फ अपनी ब्रीथिंग पर फोकस करना है।
  7. आप एक नॉस्ट्रिल से सांस अंदर लेकर दूसरे से बाहर निकलेंगें और फिर उसी से फिर से सांस अंदर लेंगें।
  8. अपने आँखें बंद रखें।
  9. ऐसा 5 मिनट तक करते रहे।

आप महसूस करेंगें की आपका माइंड एकदम क्लियर हो चुका है और आप अच्छा महसूस कर रहे हैं। आप रिफ्रेश्ड फील कर रहे हैं। आप ऐसा रोज़ करें और धीरे-धीरे इसका टाइम पीरियड बढ़ाएं। एक बात ध्यान रखें कि जब आप सांस बाहर निकालते हैं, तो सांस अंदर लेने की तुलना में थोड़ा सा धीरे निकालें।

आप इसको एक दूसरे तरीके से भी कर सकते हैं –

pranayama meditation in hindi
  1. आप इसे आँखें खोलकर भी कर सकते है।
  2. नीचे बैठ जाएँ और सीधे देखें।
  3. अपनी हथेली अपने दोनों पैरों के ऊपर रखें और ऊपर की तरफ़ करें।
  4. अपनी आँखों से सिर्फ एक तरफ़ देखें और अपने आस पास की चीजों को बिना किसी जजमेंट के फील करें।
  5. अपने माइंड में अपना नाम लें और बार बार लें।
  6. जैसे मेरा नाम “रक्तिम बोरुअ” है तो बार-बार अपने माइंड में “मैं रक्तिम बोरुअ हूँ” बोलें।
  7. ऐसा करते हुए शांति से सांस लें।
  8. इसके बाद सिर्फ़ अपना पहला नाम लें और उसी तरह से सांस लें।
  9. अब अपना पहला नाम भी हटा दें और सिर्फ “मैं” बोलें या “ॐ” बोलें।
  10. इसको अपने माइंड में बोलें।
  11. अपने आस पास की चीजों पर फ़ोकस करते रहे।
  12. अपने अंदर की एनर्जी को फील करें।
  13. आप देखेंगें की आप एकदम अलग महसूस कर रहे हैं और आपके माइंड में कुछ भी नहीं है, वो एकदम से खाली है।

दोस्तों यहाँ मैंने आपको मैडिटेशन के दो तरीके बताये जिसमें एक आँख खोलकर करना है और दूसरा बंद करके। आप इसे 5 मिनट 10 मिनट या कितनी भी देर कर सकते हैं। जितना ज्यादा करेंगे आपका दिमाग उतना शांत होगा और आप दिन की शुरुआत बेहतर तरीके से कर पायेंगें। और जब दिन का शुरुआत अच्छा होता है तो दिन भर आप एक बेहतर इंसान के रूप में काम कर सकते हैं। और धीरे धीरे आपके लाइफ बहुत सारे सुधार आने लगेगा।

ध्यान करना नहीं, देना है!

आप कही पर भी, कभी भी मेडिटेट कर सकते हो, मतलब इस moment में जो कुछ हो रहा हैं अगर उसके लिए आप aware हो तो आप meditation में हो। मतलब की ध्यान करना नहीं है, लोग ये समझते है – “मैडिटेशन करना” मैडिटेशन कोई करने वाली चीज नहीं हैं। जैसे प्यार के लिए भी लोग बोलते है – “प्यार करना” प्यार कैसे करोगे !!!!! प्यार तो हो जाता है! ऐसे ही meditation हो जाती है। कब हो जाती है जब हम इस moment में पूरी तरह से होते है। जब हम पूरी तरह से aware होते है।

तो आपको क्या करना हैं अभी जब आप ये पढ़ रहे हो – आपको अपनी आँखे बंद नहीं करनी हैं, आराम से back सीधी रख करके बैठना है और जो आपके आसपास हैं उसको देखो, जो आवाज है उसको सुनो। लेकिन उसके बारे में कुछ सोचना नहीं हैं, thoughts आते हैं तो उसको रोकना नहीं हैं, आने दो, आएंगे अपने आप और अपने आप ही चले जायेंगे, but हमें actively सोचना नहीं हैं। आराम से aware हो जाओ की आपके आसपास अभी क्या हो रहा हैं।

हम aware नहीं हैं, अभी के टाइम में तो हम पूरी तरह से virtual world में है। हम Mobile की दुनिया में ही खोये पड़े है, पता ही नहीं हैं हमारे आसपास में क्या हो रहा है। तो ये Meditation आप कही भी कर सकते हो और कभी भी कर सकते हो। जैसे मेट्रो में आरहे हो, तो वहां पर कुछ देर के लिए अपने मोबाइल को बंद करके जेब में डाला और आप अपने awareness के साथ देखो की क्या हो रहा है वहां पर। अगर आप ये कर पाओ तो इसका जो आगे जा करके क्या होगा की ऐसी भी स्टेट आ जायेगी की आप कही पर जाओगे तो immediately वहां पर जो भी कुछ हैं वो सब अपने आपको reveal कर देगा आपके सामने। मतलब आपको एक सेकंड में सब कुछ समझ आजायेगा।

किसी person से मिलोगे तो एक सेकंड में समझ आजायेगा, ये सब जादुई बातें नहीं हैं। यहाँ समझ आजायेगा मतलब जो कुछ भी वहां पर है वो सब कुछ एक सेकंड में आपको दिखने लगेगा। हममें से ज्यादातर लोगों को दिखता ही नहीं है, हमे पता ही नहीं लग पाता है।अगर आप पूरी तरह से aware हो की आप जहाँ पर जो कुछ भी कर रहे हो चाहे वो पढाई ही क्यों न हो, तो आपको concentrate करने की जरुरत नहीं है, वो सब कुछ आपके पास अपने आप आएगा। जैसे आवाज के पास जाना नहीं पड़ेगा वो अपने आप आपके पास आएगा।

जो होता है या हो रहा है उसके लिए हम available नहीं होते है, इसीलिए जो होता हैं उसको हम देख नहीं पाते हैं, सिर्फ जो नहीं होता हैं उसके पीछे भागते रहते हैं। और अगर आप पूरी तरह से available हो, जो हैं उसके लिए, उसी को प्यार कहते है। आपके आसपास में कोई है और आप उसके साथ तो हो, लेकिन अपने mind में हो, बाहर बाहर से उसके साथ हो, ऐसा लग रहा है, दोनों को लग रहा है की वो मेरे साथ है मैं उसके साथ हूँ, कोई किसी के साथ नहीं है, इसीलिए लड़ाई-झगड़े होते है। आप किसी के साथ relationship में हो, अगर आप वहां पर टिक करके, आराम से बैठ करके देख पाओ, की इस person को क्या चाहिए अपनी लाइफ से, तो आपकी रिलेशनशिप अच्छी हो सकती है।

अगर आपको ये समझ में आ जाये की पुर तरह से एक जगह कैसे होते है, तो अब आप वो सब कुछ देख सकते जो और लोग नहीं देख सकते, जो और लोगों के देखना impossible है, क्यूंकि वो अपने mind में जी रहे है। अगर कोई काम कर रहे होंगे तो आपको ऐसी ऐसी चीजें नजर आजाएंगी जो औरो को नहीं आ सकती। तो चाहे आप job कर रहे हो, चाहे आप business कर रहे हो। क्या ये मुश्किल है या आसान है!!! अब आपको लगेगा की ये तो बहुत आसान है लेकिन हम करते नहीं है क्यों ? क्यूंकि किसी ने सीखाया ही नहीं पहले ! किसी ने इसकी importance बताया ही नहीं! क्या बताया की सिर्फ पढ़ते रहो, पढ़ते रहो……

सबका interest आपको खच्चर बनाने में है क्यूंकि वो खुद खच्चर है। दुनिया की कोई भी प्रॉब्लम बड़ी से बड़ी आपके लिए बड़ी नहीं होगी, अगर आप उस जगह पर टिक करके उस प्रॉब्लम को देख पाओ। देखने का मतलब ही समझना है। समझोगे कैसे? की जो भी आपके लाइफ के प्रॉब्लम है उसके solution कैसे निकालने है – जब एक जगह पर टिक, रुक करके अपनी उन problems को देख पाओगे। चाहे वो problem अंदर है, चाहे बाहर है, और अगर पूरी तरह से देख पाओ तो क्या उसका solution निकालना मुश्किल है या आसान हैं !!! बस आराम से हर एक situation को देखना होता है, आराम से बैठना होता है। आप ये जरूर कर सकते है कुछ देर तक कुछ ना करके बैठने की आदत डाल लो, कुछ न करना मतलब कुछ न करना, मैं भी कुछ टाइम ऐसे कुछ न करके बैठा रहता हूँ, न मोबाइल, न लैपटॉप, न कुछ काम, मतलब कुछ नहीं करता हूँ उस वक़्त।

तो इन सबके लिए आपको ये समझना होता है की मैडिटेशन क्या होता है – Meditation वो होता है जो इस दुनिया में है, जो आपके साथ हो रहा है और जो आपके आसपास है, वो सब कुछ आपको As it is देखना होता है, की क्या है!!! और जब सच में उसको देखोगे तो आप खो जाओगे आपके दिमाग में कोई thoughts नहीं आएगा और ये सच में होता है। हमारे अंदर की दुनिया क्या है – जो है हम उससे खुश नहीं है और नहीं है उसको ढूंढने लगते है। की हमारे जो लाइफ है वो अभी सही नहीं है, इसको बाद में कभी सही होगी।

तो ये मैडिटेशन नहीं है, simple शब्द में कहु तो – जो है उसको देखना ही Meditation है और आपको उसको देखने के आदत डाल लेनी चाहिए और ऐसे practice से आप कुछ दिन बाद meditation वो स्टेट में रह पाओगे, आपको meditation करने की जरुरत नहीं पड़ेगी।

मैडिटेशन(ध्यान) से मुझे क्या लाभ मिला?

जब से मैंने मैडिटेशन करने का नियम सीखा और करना start करा, उससे कुछ ही दिन के बाद धीरे धीरे मेरा body और mind एकदम perfect काम करने लगा। बीमार होना ही बंद हो गया, और कभी थोड़ा सा बीमार होता भी हूँ तो दवाई लेने की जरूरत नहीं पड़ती है, कुछ 2-4 दिन में अपने आप पूरा ठीक भी हो जाता है।

Meditation करके आप इतना स्वस्थ रह सकते हो, जोकि आप सपने में भी नहीं सोच सकते हो। सबसे जरुरी बात तो ये है की हम सभी लोगो के दिमाग में जो हर वक़्त कुछ ना कुछ thoughts आते रहते है, और जिसके वजह से हमारा दिमाग किसी एक काम को अच्छे से नहीं कर पाते है, तो meditation करने से आप अपने thoughts को भी control कर सकते हो। और ये जो बिना thoughts या बिना विचार वाली जो स्टेट होते है ना दोस्त, दुनिया की ऐसी कोई चीजे नहीं है जो आपको इतना सुख दे सकते है।

मेरा जो meditation में लाभ हुआ है short में कहु तो एक है – बीमार ना होना, एकदम पूरी तरह स्वस्थ होना, और दूसरा है की अपने thoughts को control करना।

इसी से आप एकदम अपनी जिंदगी में जो success चाहते हो ना वो आपको तभी सुख देगा जब आपका मन शांत हो, तो आप जब एकदम शांत होते हो ना तब आप जिंदगी में कोई भी success achieve कर सकते हो और सुखी जीवन जी सकते हो, ये आपको तभी पता लगेगा जब आप हर दिन चाहे 5 मिनट के लिए ही क्यों ना हो आप meditation करोगे और वो अच्छे से सीख कर करोगे।

दोस्तों व्यक्ति को कुछ ही चीजे चाहिए होता है एक खुशहाल जिंदगी गुजरने के लिए जैसे – बीमार ना होना, पैसा, सुख, शांति, और सबसे जरुरी बात की लोगो को आप कैसा व्यव्हार कर रहे है। तो मुझे जो लगता है की जब आप शांत मन से सब कुछ काम करेंगे तो आपको वो सभी चीजे अपने जीवन में पा सकते है और ये meditation करने से आपको मिल सकता है।

तो देखिये meditation जब आप करेंगे, तब आप शांत रह कर सब कुछ काम कर भी सकते है और सोच भी सकते है की उस काम को कैसे करना है और जब आप काम करेंगे शांत मन से तो आपको success तो मिलेंगी ही, तो जब आप शांत मन से काम करेंगे तब आपको कोई भी बीमारी नहीं लगेगी, और जब बीमार नहीं होगा, इधर से आपको अपने काम से success भी मिलेगा और success से पैसा भी कमा लोगे और इन सब चीजों से ज्यादा क्या है जो आप पाना चाहेंगे!!!!

Meditation Do’s & Don’ts –

आपको ध्यान (मैडिटेशन) करते समय किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए?

1.ध्यान करने से पहले अपने सभी काम खत्म कर ले

आप जब भी ध्यान करने बैठे आपको याद आया की मेरा कुछ काम है जो अभी पूरा नहीं हुआ है, तो ऐसे में आप अपने ध्यान में concentrate नहीं कर पाएंगे, तो आप ऐसे में आपको अपना सभी काम को पूरा करके ही meditation करना चाहिए।

2.ध्यान करते वक्त आप इसके फायदे के बारे में मत सोचे

सबसे जरुरी बात ये है की आप जब ध्यान करने बैठे तो उस समय आप ऐसा मत सोचे की आपको ध्यान से क्या लाभ मिलेंगे और आने वाले दिनों में आप इसका फायदा कैसे उठा सकते होंगे, अगर आप ऐसा सोचके meditation करेंगे तो आपको meditation का कोई लाभ नहीं मिलेगा। आप जब meditation करने बैठे तो उस वक़्त सारा कुछ मतलब सभी चीजों को भूल जाइये, यहाँ तक की अपने आपको भी भूल जाइये तभी आप meditation कर पाएंगे।

3.अपनी सोच के साथ Fights मत करे

और जरुरी बात ये भी है की अपनी सोच को आने से मत रोकिये, बहुत से लोग क्या करते है की अपने thoughts को आने से रोकते है और अपने thoughts के साथ ही fights करते है तो आप ऐसा मत करे। thoughts तो आएंगे ही पहले, लेकिन जब आप इसको कुछ दिन तक अभ्यास (practice) करेंगे तो धीरे आपका thoughts कम होता चला जायेगा। लेकिन आप पहले ही अपने thoughts के साथ fights मत करे।

4.शरीर (Physical Body) को शांत रखे

meditation करते समय आप अपने body को ज्यादा हिलना-डुलना ना कराये। आप जहा भी बैठे वहां स्थिर होकर आराम से बैठे, क्यूंकि बैठना आरामदेह होना बहुत जरुरी है।

5.आप Meditation करने का अच्छी जगह चुन ले

और एक जरुरी बात ये है आप जहा बैठ रहे है meditation करने के लिए तो वहां पर कोई कोलाहलपूर्ण स्थिति नहीं होनी चाहिए, तो आप अपने कान में ear plug जरूर लगा लीजिये।

6.एकदम बढ़िया खाना खाये, जो हमारे body के लिए अच्छा हो

अगर आप meditation की शुरुवात करने की सोच रहे है या आप शुरुवात कर चुके है, तो आप ये ध्यान में रखे की आपके खाने में मन को ज्यादा उत्तेजित करने वाली कोई चीज तो नहीं है।

7.बीमार होने पर ज्यादा Meditation करने की कोशिश मत करे

अगर आप बीमार हो तो आप कोशिश करे आप ज्यादा से ज्यादा आराम करे, लेकिन आप ये मत करे की बार बार आप meditation करने की fights. किसी ने कह दिया की meditation करने से सभी बीमारी ठीक हो जाते है तो मैं meditation करके ही अपनी बीमारी ठीक करूँगा। तो ऐसा नहीं होता है दोस्त। हाँ meditation करने से बीमारी ठीक हो जाते है। लेकिन जब आप बीमार हो, दूसरी तरफ आप meditation करना सीख रहे हो तो ऐसे में आपका बीमार meditation से ठीक नहीं होगा। और जब आप एक meditation को करना सीख जाते हो तो आपको आगे बीमार भी नहीं होगा और अगर होगा भी तो आपको जल्द आराम मिल जायेगा, लेकिन जब आप meditation की शुरुवात कर रहे है और उसी टाइम में आपका कुछ बीमार हो रहा है तो ऐसे में आपका बीमार meditation से ठीक नहीं होगा, इसीलिए उस time में rest करे, meditation करने की कोशिश में मत लग जाये। meditation की शुरुवात आप तभी कर सकते हो जब आप बीमार ना हो, इसका खास ख्याल रखना दोस्त।

8.आप Meditation के बारे में Proper knowledge ले

meditation

अंत में ये सबसे जरुरी बात बता रहा हूँ की आपको सबसे पहले ये जानना जरुरी है की Meditation proper तरीकेसे कैसे करते है। इसके अलावा तो आप meditation कर ही नहीं सकते। तो क्या फायदा की meditation करते समय आपको क्या नहीं करना चाहिए ये जानकर।

ध्यान से उठने के बाद क्या नहीं करना चाहिए?

ये बहुत जरुरी है की आप जो ध्यान कर चुके है उसका लाभ आपको पूरा मिले, तो ये 6 काम आपको ध्यान से उठने के बाद नहीं करना है, ताकि आपको अपने ध्यान का पूरा फायदा मिले –

1. जमीन पर बिना चप्पल पहने पांव न रखे

दोस्तों जब भी आप ध्यान करते है, तो वहां से आपने जो भी energy, जो भी ऊर्जा अपने अंदर समाहित की है, अगर आपने बिना चप्पल पृथ्वी पर पांव रखा तो आपकी सम्पूर्ण ऊर्जा पेरो के through नीचे धरती माँ आपसे ले लेता है। आप तो जानते ही है की पृथ्वी की Gravitational force मतलब मध्याकर्षण शक्ति हर चीज को अपने अंदर खींचता रहता है। तो आपकी energy भी खींच लेता है।

2. दीवाल का सहारा न ले या तुरंत उसे न छुए

हम अक्सर ऐसी गलती करते है कि दीवाल का सहारा लेके उठते है या ध्यान करने के बाद दीवाल पे direct हाथ रख देते है, इससे भी आपकी जो energy है, आपकी ऊर्जा है वो तुरंत earth पर transfer हो जाती है। इसीलिए कोशिश करे की आप जहाँ पे ध्यान करते है वहां आराम से उठ सके और किसी ऐसी चीज के संपर्क में न आये जहाँ पर आपको लगता है की आपकी ऊर्जा कही और चला जाये।

3. ध्यान से तुरंत बाद वार्तालाप न करें, कुछ देर मौन रहे

जभी भी आप ध्यान करके उठे तो आप थोड़ी देर शांत रहे। इसके पीछे positive और negative energy का एक सिद्धांत है और वो ये है कि जब आप वार्तालाप करते है किसी ने अगर कुछ negative बाते बोल दी है और आप भी उसको आगे बढ़ा रहे है तो आपने जो positive energy को प्राप्त किया था उसमें negative energy भी आ जाता है, और result ये होता है की धीरे धीरे आपका वो Positive energy भी खत्म होता चला जाता है।

 4. Meditation करने के तुरंत बाद भोजन के लिए न बैठे

आपको तुरंत भोजन के लिए नहीं बैठना है क्यूंकि आपके शरीर में ज्यादा से ज्यादा जो प्रक्रिया है वो शांत हुई होती है meditation करते समय भी और करने के बाद भी थोड़ी देर के लिए वो शांत ही रहती है और धीरे धीरे ही वो शुरू होती है। तो अगर आप तुरंत बाद ही भोजन करेंगे तो आपकी प्राप्त की हुई ऊर्जा खाना पचाने में लग जायेगा और आपको meditation से कोई फायदा नहीं मिलेगा।

*Note : यहाँ कुछ देर मतलब आप आधे घंटे के लिए शांत रहे और आधे घंटे के बाद ही अपना भोजन ले।

5. स्त्री के साथ तुरंत सहवास न करें

ऐसा करने पर आपका ध्यान से मिला हुआ शक्ति व्यर्थ ही चला जायेगा। ऐसी गलती आपकी पॉजिटिव ऊर्जा को नेगेटिव ऊर्जा में बदल देगा।

6. अपने ध्यान के अनुभवों को कभी किसी के साथ सांझा न करे

दोस्त ये सबसे महत्वपूर्ण बात है कि अगर आपने अपने ध्यान के अनुभवों को किसी के साथ सांझा किया तो आप बाद में रोयेंगे क्यूंकि वो अनुभव आपको वापस नहीं होने वाले है। हाँ इसमें एक बात और है अगर आप किसी गुरु के साथ अपना meditation कर रहे है तो जब तक आपका ऐसी बात न हो, ऐसे विकत स्थिति न हो तो आप अपने गुरु को अपना अनुभव शेयर न करें। तो गुप्त रखे अपना ध्यान अनुभव, इससे आपकी ध्यान की शक्ति और बढ़ेगा और काफी आगे तक जा पाएंगे आप। आपका ध्यान धीरे धीरे उत्तम होता चला जायेगा और आपको इसका पता भी नहीं चलेगा।

Conclusion

तो अब आप समझ ही गए होंगे की मैडिटेशन से होगा क्या? मैडिटेशन का जो सबसे positive impact है वो ये है की आप mind को control कर सकते है, जैसे आप radio को tune कर सकते है, उसे on या off कर सकते है, वैसे ही आप अपने mind में चल रहे thoughts को on या फिर off कर सकते है और जो आप चाहे exactly आप वही सोच सकते है, यानि की आप अपने ही mind को control कर सकते है, और अगर आप ध्यान से सोचे तो ये जो मैडिटेशन की हम बात कर रहे है ये किसी power से कम नहीं है, आप अपनी stress, anxiety, focus और concentration को सब पर control पा सकते है, अगर आप कभी भी mind के voice को सुने तो आपका mind हमेशा किसी ना किसी को judge कर रहा होता है, आपको किसी के साथ compare कर रहा होता है, complain कर रहा होता है, किसी को पसंद कर रहा होता है या फिर किसी से नफरत कर रहा होता है। और ये thoughts हमेशा आपके दिमाग में चलते रहते है। आपका उन thoughts पर कोई control नहीं रहता। यानि basically meditation आपको एक off-on button और एक tuning button देता है उन thoughts को control करने के लिए।

तो ध्यान करने से मेरा तो बहुत फायदा हुआ आपका हुआ की नहीं meditation करने से कुछ फायदा, ये मुझे जरूर बताये, मैं जानना चाहता हूँ।

मुझे उम्मीद है की इस ब्लॉग पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको meditation के बारे में जान गए होंगे, अगर इससे आपको थोड़ा सा भी जानकारी मिला हो तो इस पोस्ट को आप अपने दोस्तों के साथ शेयर कीजिये, और अपना राय कमेंट बॉक्स में जरूर बताये, और आपको इस टॉपिक के ऊपर कुछ पूछना है तो आप कमेंट बॉक्स में जाकरके हमे जरूर कमेंट कीजिये हम आपकी question का answer जल्द से जल्द reply करेंगे, और अगर आप चाहते है किसी भी टॉपिक के ऊपर हम पोस्ट लिखे तो भी हमे निचे कमेंट बॉक्स में जरूर बताये।

आपका बहुमूल्य समय देने के दिल से धन्यवाद,

Wish You All The Very Best.

13 thoughts on “मैडिटेशन या ध्यान क्या है, फायदे और कैसे करें | Meditation in Hindi”

    • You are Most Welcome. If You Want to Know About Right Meditation Techniques, then You can Check this last line of this Article link.

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  1. क्या कोई मंत्र पुरे concentrations से बोलते रहे और कोई विचार मन मे न आये तो meditation होता है क्या?

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    • Yes, agr aap om mantra ko pure concentration ke sath bolte rahenge to ap apne ap hi meditation ki gehrai mei chale jayenge. baki mantra ke bare me mujhe jyada idea nhi hai kyunki main khud om ka jaap karke meditation ki gehrai mei chala jata hun. Thank You.

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