मासूम विचार

एक बार एक 4 साल की लड़की से उसकी स्कूल टीचर पूछते हैं जो उसे mathematics पढ़ाती है कि ‘अगर मैं तुम्हें एक एप्पल दूँ, और एक एप्पल दूँ, और उसके बाद और एक एप्पल दूं, तो तुम्हारे पास कितने एप्पल हो जाएंगे ?’

वह 4 साल की लड़की जो होती है तुरंत जवाब देती है कि – ‘mam 4 एप्पल हो जाएंगे।’

mam कहती है तुम्हें समझ नहीं आया शायद, मैं दोबारा से पूछती हूं – ‘अगर मैं तुम्हें एक सेब दूँ, फिर और एक सेब दूँ, और फिर एक और सेब दूँ, तो तुम्हारे पास कितने सेब हो जाएंगे ?’

लड़की फिर से बोलती है की ‘mam 4’

mam सोचती है इन्हें समझ नहीं आया शायद, हो सकता है इसे एप्पल पसंद ना हो, मैं fruit change कर देती हूं, फिर देखती हूं।

तो दुबारा बोलती है – ‘अगर मैं तुम्हें एक orange दूँ, फिर एक और orange दूँ, और फिर एक और orange दूँ, तो तुम्हारे पास कितने orange हो जायेंगे ?’

वो लड़की बोलती है ‘mam 3’, mam कहती है शब्बास, लड़की खुश हो जाती है, शायद मैंने इस बार सही जवाब दिया, mam खुश हो गई है मुझसे।

तो तभी mam बोलती है जल्दी से बताओ – ‘अगर मैं तुम्हें एक एप्पल दूँ, फिर एक और एप्पल दूँ, फिर एक और एप्पल दूँ, तो तुम्हारे पास कितने एप्पल हो जाएंगे ?’

लड़की बोलती है – ‘mam 4’

mam बोलती है तुम्हें बिल्कुल नहीं समझ आ रहा ? वो जो mam होती है वह बच्ची के ऊपर गुस्सा करने लग जाती है, कि ऐसे कैसे हो सकता है कि जब तुम बोल रही हो कि 3 ऑरेंज होंगे, तो चार एप्पल कैसे हो सकते हैं ?

लड़की रोते हुए बोलती है कि ‘m-m-a-a-m-m एक तु मेरी मम्मी ने मेरे लंच बॉक्स में रखा हुआ है, मेरे पास एक एप्पल already है, आप जब मुझे 3 देंगे तो 4 हो जाएंगे।’

अब उसकी mam कहती है कि अरे यह तो मैं सोचा ही नहीं। उसे अपने ऊपर शर्मिंदगी महसूस होती है कि मैं बच्चे को डांट दिया।”

तो दोस्तों क्या आपको इस स्टोरी को समझ में आया ? जिंदगी में ना हम भी ऐसा ही करते हैं। यह कहानी आपको जरूर लग रही हो एक बच्चे की, बच्चों वाली कहानी लग रही होगी पर इससे जो सीख मिलती है ना वह आपकी नजरिया ही बदल देगा।

इसमें बहुत बड़ा मैसेज छुपा हुआ है कि लाइफ में हम चाहते हैं कि answer हमें वही मिले, जो हम चाहते हैं। हम सामने वाले का perspective नहीं समझते, कि हो सकता है कि उसके पास कुछ अलग हो, जो हमारे पास नहीं है।

अगर हम जो चाह रहे हैं वह नहीं मिल रहा तो सामने वाले की जो circumstances है, situations है, वह कुछ अलग हो जो हमें नहीं दिख रही है।

और लाइफ में किसी भी decisions पे पहुंचने से पहले, खासकर गुस्सा करने से पहले हमें दोनों side देख लेनी चाहिए। क्या आपको भी ऐसे ही लगता है, अगर लगता है तो मुझे नीचे कमेंट करके जरूर बताइए। हमें दोनों side को देखनी चाहिए या जैसा हम सोचते हैं हम मानते हैं जो हम answers चाहते हैं हमें सिर्फ उस पर अरे रहना चाहिए।

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