Sandeep Maheshwari Motivational Speech in Hindi Written – Hello दोस्तों, इस दुनिया में जो कुछ भी है, उस हर चीज से हम सीख सकते हैं और कैसे सीख सकते वही बात मैं आज आपको बताने वाला हूँ। इस article में संदीप महेश्वरी जी की स्पीच हम Car से कैसे सीख सकते हैं। आपको ये पूरा Article जरूर ध्यान से पढ़ना चाहिए, अगर आपको कुछ सीखना है तो।
जिंदगी की गाड़ी का Fuel संदीप महेश्वरी जी के स्पीच
आज हम बात करेंगे की हम Car से क्या सीख सकते हैं ? तो चलिए शुरू करते हैं –
जैसे हम Car को कोई भी Direction दे सकते हैं, वैसे ही हम हमारी Life को भी कोई भी Direction दे सकते है। हम टाइम ले सकते हैं, लेकिन हम अपनी Direction को choose कर सकते है। मतलब जैसे Car का कण्ट्रोल हमारे हाथ में है, ऐसे ही हम अगर चाहे तो लाइफ का कण्ट्रोल भी हमारे हाथ में आ सकता है।
अब आप ज्यादातर लोगो को देखोगे तो उनकी हालत ऐसी है की उनकी गाड़ी अपने आप ही चल रही है या कोई और उनकी गाड़ी चला रहा है सामने बैठ करके, वो पीछे बैठ रहे हैं और बस चीख-चिल्ला रहे हैं, complaints कर रहे हैं – “मेरी ये प्रॉब्लम, वो प्रॉब्लम है, इस वजह से मैं गाड़ी को अपने हिसाब से नहीं चला पा रहा। आपको पता नहीं मेरी situation क्या है।” और ये ज्यादातर लोगो की प्रॉब्लम हैं दोस्तों।
तो हम कभी भी गाड़ी का कण्ट्रोल नहीं लेते हैं, क्यों नहीं लेते है – क्यूंकि डर लगता है, की अगर गाड़ी हमने खुद चलायी तो Accident होने की Responsibility हमारे ऊपर।
देखिये जो ट्रैफिक rules है वो किसपे लागु होते हैं – जो गाड़ी चलाता है उसपे। और इसलिए लोग डरते हैं अपनी लाइफ की गाड़ी खुद चलाने में।
कोई और मतलब मेरी पिताजी चला रहे हैं तो “आपकी वजह से मैं बर्बाद हुआ”, ऐसे बोल देंगे। की “आप जो कह रहे थे मैंने किया, लेकिन देखो उसके बाद भी मेरा कुछ नहीं हुआ, आपने मेरी लाइफ ख़राब कर दी, मैं जो कह रहा था वो मुझे करने देते तो पता नहीं क्या हो जाता !”
किया हमने तब भी अपने मर्जी से ही, जो उन्होंने कहा, उन्होंने हंटर नहीं मारे हमको, लेकिन blame हमने उनके ऊपर दाल दिया।
इसका मतलब क्या है – हमारे पास में दो Options है – एक है की हम पीछे बैठ जाये गाड़ी में जाकरके और अपनी गाड़ी का कण्ट्रोल मतलब अपनी लाइफ का कण्ट्रोल किसी और के हाथ में दे दें।
दूसरा है की – हम जो अपनी लाइफ का कण्ट्रोल पूरी तरह से अपने हाथ में ले लें। short टर्म में आपको प्रॉब्लम आएगी, मतलब accidents भी होंगे, डर भी लगेगा। लेकिन धीरे धीरे आप एक perfect driver बन जाओगे अपनी लाइफ का।
जैसे Car में Fuel डलती हैं, वैसे ही हमारे लाइफ हमें अपने Knowledge हैं। मतलब ये knowledge ही Fuel है।
ये knowledge ही हमें जानवरों से अलग बनाते है।
जानवरो की लाइफ वो खुद चलाते हैं या जैसा उसका नेचर होता है उनके हिसाब से चलती है ? जो उनके बेसिक नेचर है उससे अलग हो कर जानवर कुछ नहीं कर सकते है। बंदर है तो बंदर ही रहेगा मरते दम तक।
लेकिन एक इंसान चाहे तो बहुत कुछ कर सकता है, बहुत कुछ बन सकता है, अपनी जो body की लिमिटेशन है उससे बड़ा भी बहुत कुछ कर सकता है, हमारी body space में नहीं जा सकती, लेकिन आदमी चाहे नॉलेज से एक स्पेसशिप क्रिएट कर सकता है, और उसमें बैठ करके कही भी जा सकता है। जानवर ये नहीं कर सकते।
तो जानवर और इंसान में सबसे बड़ा फर्क क्या है – Knowledge (knowledge is Power, Knowledge is Fuel)
अब वो नॉलेज अगर आप Use करोगे की आप उससे क्या बनना चाहते हो, क्या करना चाहते हो तो तभी उस Knowledge का मतलब है इस दुनिया में।
उसके आलावा कुछ नॉलेज इकट्ठे कर रहे हो तो वो Useless है, वो गार्बेज के आलावा और कुछ नहीं है।
अब आपको देखना है आपकी लाइफ में जो नॉलेज है आपके Mind में, कितनी काम की है और कितनी गार्बेज है, कितना हमने कचरा भरा हुआ है।
Newspapers में जो कुछ है वो क्या है – 99% गार्बेज। जिस भी फील्ड में आप जाना चाहते हो, उस फील्ड में ही अगर आप नॉलेज acquire करना चाहो, उसी फील्ड से related. जैसे Photography, तो आप इतनी Unlimited Knowledge हैं, मतलब आपके पास में अनलिमिटेड fuel है।
उस अनलिमिटेड fuel के base पर आप कही भी जा सकते हो।
But अगर उस Fuel पे मिलावट होती रहे तो ! आपको नॉलेज चाहिए फोटोग्राफी की, लेकिन आपके पास में वही ना हो। मतलब आपको उस पर्टिकुलर subject की नॉलेज चाहिए 90% और बाकि दुनिया की और नॉलेज 10% चाहिए।
लेकिन उस पर्टिकुलर subject की नॉलेज है 10% और बाकि अलग अलग पूरी दुनिया की नॉलेज ही 90%, तो क्या हुआ fuel के अंदर मिलावट हो गयी। ऐसे बंदो की गाड़ी रुक जाती है, फिर वो रोते है बैठ करके।
फिर लोग किस्मत की बात करते हैं की – मेरी तो किस्मत ख़राब है।
जब लोगो को किसी particular चीज के बारे में बहुत ज्यादा knowledge हो जाती है, मतलब उसकी fuel बहुत है और वो जहाँ चाहे जा सकते है और वो कभी भी किस्मत की भी बात नहीं करता है, किस्मत उसके हाथ में होती है, उसको पता है अपनी लाइफ को कैसा Direction देनी है।
अगर पूरी तरह से आपको ये बात समझ आ जाये और आप पूरी तरह से focused हो जाओ, उसी की Knowledge Acquire करने में, जिसमें आप आगे बढ़ना चाहते हो और वो जरुरी नहीं है एक ही चीज हो, दो या तीन भी हो सकती है, कोई प्रॉब्लम नहीं है।
But अभी क्या हो रहा है, अनलिमिटेड चीजों की हम Knowledge Acquire कर रहे हैं, जो गार्बेज है। कोई भी आकरके हमारे अंदर कुछ भी डाल देते हैं और हमको उसमें interest आजाता है।
कही कोई न्यूज़ आती है, एकदम से WhatsApp के ऊपर कोई मैसेज आता है – “कोई फिल्मस्तार का ब्रेकअप हो गया”.
और हम उसमें बहुत इंटरेस्ट लेते है – अरे क्या हो गया, तीन घंटे तक यही डिस्कशन चल रहा है।
उसका ब्रेकअप हुआ वहां पे उस फिल्मस्टार का, उससे मतलब तुम्हे क्या है !!! उसकी वो कंट्रोवर्सी चल रही है, उसमें बड़ा इंटरेस्ट है आपको !!! आपकी लाइफ धज्जिया उड़ रही है और उसमे को इंटरेस्ट ही नहीं हैं !!!
तो जैसे जो Information है, मतलब fuel है, तो फ्यूल का एक Constructive use भी है और एक destructive use भी है। अगर उसको आपने सोच समझ करके use नहीं किया जैसी आपकी गाड़ी है, उसके हिसाब से fuel नहीं डाला, पेट्रोल इंजन है तो पेट्रोल डाला, डीज़ल इंजन है तो डीजल डाला।
ज्यादातर लोग क्या कर रहे है, ना पेट्रोल डाल रहे हैं, ना डीजल डाल रहे है, वो कुछ और ही भर रहे हैं, गार्बेज !!! मतलब वो fuel है ही नहीं।
तो गाड़ी तो भरी पड़ी है, लेकिन गंदगी से, इसलिए बदबू आती है। मतलब उनकी लाइफ में frustration है, stress है। उनके अंदर इतना फ्यूल नहीं है की वो जहाँ चाहे वहां जा सके, जो चाहे वो कर सके।
Always look for Right kind of Fuel, What is right kind of fuel – if you can get Knowledge from Somebody, who’s experienced in that particular field.
अगर आपको अमीर होना है, तो ऐसे बंदो से नॉलेज लो, जो अमीर है, अगर actual में होना है तो, अगर टाइम पास करना है तो कही भी किसी को भी सुनते रहो।
If You Want to be a Billionaire, Listen to a Billionaire.
तो आपको हमेशा ये याद रखना है की –
लाइफ को सही Direction देने के लिए, सही Knowledge होनी चाहिए – संदीप महेश्वरी