अपने Goal को कैसे Achieve करे | How to Achieve Your Goals Hindi

Hello दोस्तों, आपके मन में तो यह सवाल आते ही होंगे की अपने Goal को कैसे Achieve करे, और इसलिए आज मैं आपको बताऊंगा की goal को achieve करने का सही और सरल नियम क्या है ताकि आप सच में अपने किसी भी goal को आसानी से अचीव कर पाओ। तो चलिए शुरू करते हैं –

अपने Goal को कैसे Achieve करे?

तो पहले कुछ सवाल से हम लक्ष्य प्राप्ति की नियम जानेंगे –

Q1 : मैं कुछ करना चाहता हूं, लेकिन किसी वजह से कर नहीं पाता हूं? मतलब शुरू ही नहीं कर पा रहे है काम को!

दूसरा सवाल यह है कि –

Q2 : शुरू तो कर दिया, लेकिन उसके बाद में मैं उसको sustain नहीं कर पा रहा हूँ? कुछ दिन तक किया उसके बाद में interest खत्म गया, डिमोटिवेट फील हो रहा है और फिर उसके बाद मैं उसको छोड़ दिया!

ये बहुत बड़ा problem है। लेकिन इसका सलूशन बिल्कुल simple है –

Goal को अचीव करने के Steps –

No 1 – No Goal

हम Goal ही नहीं set करते है, देखिये हम करते क्या है, problem कि अगर हम जड़ को समझने की कोशिश करे तो हमारे सबके अंदर कुछ Desire होते है कि हमको ये करना है।

अब हमारे पास दो options होते है कि हम काम तो करते है, लेकिन कोई Goal नहीं होता।

सुना किसी से कि यह करना अच्छा है और उसे करना शुरू कर दिया, फिर उसके बाद में कुछ time बाद हम बोर हो गए – इसमें problem क्या है सबसे बड़ी कि ये बोरिंग है।

No 2 – Huge Goal

दूसरी तरफ क्या होता है कि हम जब Goal बनाते हैं तब बहुत बड़ा goal set कर देते है।

– ये दोनों ही अपने आप में बहुत बड़ी problems है, यानी एक तो हम गोल बनाते ही नहीं हैं, और दूसरा जब बनाते हैं तो तब बहुत बड़ा गोल बना लेते हैं, जिसको करते करते हम बोर हो जाते है और कुछ टाइम बाद हम गोल को छोड़ देते हैं और बोलते हैं कि गोल अचीव नहीं कर पाए।

No 3 – Break Goal

ऊपर बताये गए उन दोनों के बीच में एक रास्ता है जो बड़ा simple सा है और interesting भी है।

तो करना क्या है कि एक बड़े गोल को बहुत छोटे से goal में तोड़ देना है और जैसे ही उसको achieve करते है हमें अपने आपको award देना है, हमें अपने आपको सब्बासी देनी है।

जैसे ही हम कुछ काम को करेंगे और हमारे पास में कोई goal नहीं होगा तो हम बहुत जल्दी उसके अंदर बोर हो जाएंगे चाहे काम कितना भी interesting क्यों न हो।

लेकिन अगर आपने छोटे goal achieve कर लिया तो अपने आपको सब्बासि देना है और इसे क्या होगा कि अगर आपने आज कुछ छोटा goal achieve किया तो कल उस काम को करने में आपकी अंदर प्यास रह जाएंगी।

यानी अगर आपने आज ही सारे काम करने का सोच लिया तो आज ही सारे काम नहीं करना है, तो उससे क्या होगा की कल अपने आपही मन करेगा कि यार कल ना थोड़ी सी कम करी थी आज मैं और कर लेता हूं।

आपका मन है कम काम करने का, लेकिन आप नहीं चाहते हुए भी आज ही ज्यादा या सभी काम करने की try की, तो क्या होगा कि कल उस काम को करने का मन ही नहीं करेगा।

ये चीज़ हर एक के अंदर होते है। और हम यही गलती करते है कि पहले तो कुछ करते ही नहीं कुछ दिन तक, कुछ महीने तक, और फिर जैसे ही करने कि कोशिश करते है एक ही दिन में सब कुछ करने की कोशिश करते है और वही पर जा करके सभी लोग अटक जाते है।

भागो मत और रुको भी मत, सभी काम को खेल बना लो

हमेशा एक बात याद रखना कि हमें जीवन में किसी भी काम में धीरे धीरे आगे बढ़ना है धीरे धीरे, और अगर आप धीरे धीरे आगे बढ़ते चले जाओगे और अपनी प्यास को बचा करके रखोगे कल के लिए, तो कोई भी काम impossible नहीं है, मतलब काम को काम की तरह नहीं देखना काम को खेल बनाना है आपको।

– यह सक्सेस की गुरु मंत्र है।
 
कभी इस चीजों को note करना कि हम खेलते-खेलते बोर नहीं होते कभी भी, लेकिन काम करते करते बोर हो जाते है, क्यूंकि काम में खेल नहीं है, काम को हम खेल नहीं बना पा रहे है इसलिए हम goal तक पहुँचने से पहले ही हार मान जाते हैं। ये बिल्कुल practical है।

हमारी mentality यह होनी चाहिए कि मुझे किसी भी हालत में ज़िन्दगी में रुकना नहीं है और भागना भी नहीं है।

ये भागने की mentality है ज्यादातर लोगों को डूबा रही है, जिसकी वजह से लोगों की बुरा हाल हो रहा है कि एकदम से ही भागेंगे एकदम से ही रुक भी जायेंगे।

जिन्दगी कोई race नहीं है, जिन्दगी बहुत लम्बी है।

आपको यह पता होना चाहिए कि क्या हो जायेगा भागने से, ज़िन्दगी कोई race है क्या, की एक दिन की दो दिन की, नहीं है ना। ज़िंदगी बहुत लम्बी है, तो इस जिंदगी के रेस में जीतेगा वही end में जो चलता रहेगा हर situation में, बीच में success आया, failure आया, कोई बात नहीं, छोड़ा और आगे बढ़ा, चलते जा रहे है, चलते जा रहे हे और जाते जाते एक दिन ऐसा आ जायेगा जब पीछे अपने आपको पलट करके देखोगे तो आपको खुद को भी यकीन नहीं होगा की मैं इतना आगे आ गया।

रातों रात एक महल खड़ा नहीं किया जा सकता, उसके लिए Planning और समय की बहुत जरुरत होता है।

Objective ये नहीं है की आज रातों रात एक महल खड़ा करना, ऐसा होता भी नहीं है …, फिल्मों में हो सकता है, Theoretical world (Imaginary world) में हो सकता है, लेकिन practically नहीं हो सकता, हर चीज़ों में time लगता है।

Habits

तो फंदा ये नहीं है कि रातों रात हमको क्या चीज़ करनी है, फंदा ये है की अपनी habit को कैसे बदलना है, सारा खेल उस चीज़ का है, जो आदमी अपनी habit को बदल सकता है, तो उसका आने वाला कल आज से अलग हो सकता है।

लेकिन जो अपनी habit को नहीं बदल सकता, उसके साथ कल भी वही होगा, exactly उसी तरीके से होगा, अलग अलग fields में होगा, जो आज तक होता आया है, और इसलिए उसको अपनी habit को भी बदलना होगा।

जब एक चीज़ को आप regular कर पाओगे, तभी तो वह आदत बन पायेगी। अगर regular किसी काम को करोगे ही नहीं तो आदत कैसे बदलेगी।

For example – हमारी आदत नहीं है किसी काम को करने की इस आदत को बदलना है तो क्या करना होगा कुछ दिन तक उस काम को करने की आदत डालनी होगी। हर दिन कुछ टाइम उस काम को देना होगा, चाहे मन करे या ना करें।

एकदम से किसी काम को करेंगे तो Energy ख़तम हो जाएगी, और अगर energy खतम हो जाएगी, तो उस काम को करेंगे कैसे? – ये सब कुछ बात आप सब लोगों को पता है, लेकिन जब करने जाते हैं तो उसको जल्दी करने की कोशिश करते हैं।

लेकिन कर नहीं पाते हैं और निराश हो जाते हैं और उसको छोड़ देते हैं।

इसलिए आपको कम काम करना है लेकिन daily करना है, कुछ टाइम तो देना ही है, चाहे मन हो या न हो।

जैसे हमें बॉडीबिल्डिंग करनी है तो एक दिन या एक महीने या एक साल में पूरी बॉडी बन कर रेडी नहीं होंगे तो उसमें बॉडीबिल्डर करता यह है कि वह रोज एक टाइम पर Gym जाते है और कुछ न कुछ प्रैक्टिस करते रहते हैं।

या हमें IPS या ICS बनना है तो एक दिन या एक महीने में तो हमारा नॉलेज नहीं बढ़ेगा तो हमें हर दिन कुछ घंटे आज से पढ़ना शुरू करना होगा, चाहे किसी दिन मन ना भी करें तब भी हमें पढ़ना होगा।

जैसे हमें अगर बिज़नेस करना है तो एक ही दिन या एक ही महीने में बिज़नेस बड़ा नहीं बनेगा ना, तो उसके लिए हमें हर दिन कुछ घंटे काम तो करनी ही होंगी ना।

ऐसे ही हम किसी भी बड़े गोल को छोटे-छोटे पार्ट में ब्रेक करके उस बड़े गोल तक पहुँच सकते हैं। अगर किसी दिन मन न भी करें तब भी हमें उस काम करने की जगह पर जाना है वो चाहे कही भी हो।

जैसे बॉडीबिल्डर को किसी दिन बॉडी बिल्डिंग करने का मन नहीं है तो तब भी उनको जाना है Gym में, या बिज़नेस में किसी दिन नुकसान ज्यादा हो गया है और काम करने का मन ही कर रहा है तब भी वहां पर जाना है या पढ़ने का मन नहीं है तब भी किसी बुक को ओपन करके अपने सामने रखना है।

तो जब हम ऐसे करके अपने हैबिट को बदल लेंगे और ऐसे अपने आपको Develop कर लेंगे तो कोई भी बड़ी से बड़ी गोल भी आसानी से अचीव कर सकते हैं।

Conclusion

अब इसका conclusion यह निकलके आता है कि –

Set Small Goal + Doing Everyday(Make Habit) = Success or Achieve Goal.

– यह है गोल अचीव करने का फार्मूला। मतलब अगर आपको 100 तक है तो हर दिन 1 काम करते रहिये।

जब हम बड़े गोल को अचीव करने की कोशिश करते हैं तो वो तो एक-दो दिन में नहीं होगा, और उसी पर हम अटक जाते हैं क्यूंकि हमें लगता है कि आज काम किया, 2-4 और किया और हमें वो मिल जायेगा।

लेकिन ऐसा होता नहीं तो हम आधे रास्ते पर ही उसको छोड़ देते हैं और हम कभी गोल तक पहुँच नहीं पाते हैं। अब हमें करना यह चाहिए कि एक बड़ा गोल हमारे सामने तो होना चाहिए लेकिन उसको तोड़ देना चाहिए छोटे छोटे पार्ट में कि आज मुझे इस चीज पर 2-3 घंटा देना है और कल भी 2 घंटा देना।

तो जब हम ऐसे अपने बड़े गोल को छोटे छोटे टुकड़ो में बाँट लेंगे तो हम बोर भी नहीं होंगे और हमेशा मोटीवेट भी रह पाएंगे की 2 घंटा ही तो करना है, चलो जल्दी काम को निपटा लेते हैं और आज इस मूवी को देखते हैं etc.

तब हम ऐसे कर करके अपने बड़े गोल तक पहुँच पाएंगे।

आपने आज क्या सीखा?

तो अगर आपको हमारी ये पोस्ट ”अपने Goal को कैसे Achieve करे” अच्छी लगी तो अपने दोस्तों के साथ इस पोस्ट को share कीजिये।

और अगर आपके मन में कोई भी सवाल या सुझाव तो मुझे नीचे कमेंट करके जरूर बताये, अगर आपके कमेंट violence को प्रमोट नहीं करता है तो आपकी कमेंट reply के साथ public में दिखाई देगी।

”Remember – Little Goals, Big Results”

आपका बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से धन्यवाद,

Wish You All The Very Best.

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