Chalak Kaise Bane – क्या आपको पता है कि साइकोलॉजी के हिसाब से NICE यानी सीधा-साधा usually उस तरह के इंसान को बोला जाता है, जो पर्सनालिटी ट्रेट में दूसरों के बातों को सहमतता ज्यादा करता है।
चतुर कैसे बने? Chalak kaise bane?
ज्यादा सहमत होने का कारण है की एक इंसान हमेशा दूसरों को कम्फर्टेबल और अच्छा फील कराने के चक्कर में खुद की नीड्स को भूल जाता है, और उसे पता ही नहीं होता कि उसकी खुद की desires क्या है।
इस तरह के लोगों के लिए दूसरों का अप्रूवल और उनकी नजर में एक्सेप्टेड इतना जरुरी होता है की ये अपनी कमियाँ और गलती को छुपाते हैं ताकि ये दूसरों की नजर में बुरे ना बन जाये।
इसके साथ ही एक बहुत ज्यादा NICE इंसान अपने इमोशंस को दूसरों के इमोशनल स्टेट लेवल पर ले आता है ताकि वो अपनी लॉयल्टी और केयर दिखा सके। जिस वजह से उसकी ख़ुशी दूसरों पर डिपेंडेंट होती है।
उसकी ये इमोशनल immaturity उसे दूसरों की नजर में बहुत ही ज्यादा unreliable बनाती है।
क्यूंकि एक क्राइसिस के समय पर दूसरे लोग जितने डरे हुए है या दुखी होंगे उतना ही दुखी और डरे हुए ये इंसान भी होगा।
ऊपर से इस तरह के सीधे लोगों पर विश्वास करना भी इतना मुश्किल होता है, क्यूंकि अच्छे बनने के चक्कर में ये आपकी सारी बातें और आपके सारे सीक्रेट्स जरा सा दबाव बनाने पर किसी के आगे भी बोल सकते हैं।
ताकि ये किसी भी इंसान के नजरों में बुरे ना बन जाये और इनको कोई रिजेक्ट ना कर दें।
और NICE लोगों का यही approval-seeking आचरण उन्हें काफी आसान टारगेट बनाता है।
जैसे अगर आप भी एक हद तक काफी सीधे हो तो आपको जॉब में अपनी सैलरी negotiate करने में बहुत परेशानी होगी। चान्सेस है कि आपको कम सैलरी लेने के लिए कन्विंस कर दिया जायेगा।
और आप उसे अनफेयर मानने के बावजूद भी एक्सेप्ट कर लोगे। लेकिन बाद में अपने ही decision के कारण आपको पछताना पड़ेगा।
वैसे ही अगर आपको कोई इंसान रिलेशनशिप या बिज़नेस में धोखा देता है तो कोई दूसरा इंसान जो NICE बनने की कोशिश नहीं कर रहा है और अपनी डिसिशन लेता है और विरोध करने से नहीं डरता है, वो सीधा सीधा धोखा देने वाले दोस्त के पास जायेगा और उसको अपना गुस्सा जताकर उससे explanation मांगेगा।
जब की एक NICE या सीधा इंसान चाहे वो एक लड़का हो या एक लड़की, वो सारी चीजों को एग्री कर जाते हैं और अपने आपको ज्यादा कोसेगा और गलती करने वाले के आगे अपनी इमोशंस को दबा लेगा।
ज्यादातर केसेस में ये बिहैवियर को ट्रेसबैक करा जा सकता है एक इंसान के बचपन तक।
क्यूंकि हमारी पूरी पर्सनालिटी और उससे जुड़ा हर बिहैवियर हमारे चाइल्डहुड एक्सपीरियंसेस से शेप लेते हैं।
और तभी अगर एक इंसान को बचपन में प्रॉपर अटेन्शन और जरुरी प्यार नहीं मिला था या फिर उसके एक या दोनों पेरेंट्स ही अपनी मजबूरियों की वजह से अपने बच्चे को उतना टाइम नहीं दे पाए थे और उन्होंने उसके साथ ज्यादा खेला नहीं तो वो बच्चा लौ सेल्फ-स्टीम और एक अप्रूवल सीकिंग बिहैवियर कर लेगा।
और ये सोचेगा की उसमें कोई कमी है, जिसकी वजह से उसके पेरेंट्स उसे अपना टाइम नहीं देतें और इस बच्चे का ये बिहैवियर बड़े होने के बाद भी इसको यही बोलता है की अगर इसे दूसरों का प्यार या शाबाशी चाहिए तो इसे उनकी है बात में हाँ में हाँ मिलानी होगी।
और अपनी जरूरतों को इग्नोर करके दूसरों की जरूरतों को पूरा करना होगा।
यही रीज़न है क्यूँ हमें अपने इस सीधेपन को खत्म करना होगा।
सीधेपन को खत्म करने और चतुर चालाक बनने का 5 स्टेप्स है –
Step 1 – अपनी फीलिंग्स को एक्सप्रेस करो और सच बोलो
ये एक फैक्ट है की बहुत सी बातें काफी कठोर होती हैं, लेकिन ऐसी बहुत सी कठोर बातें सच भी होती है और उन्हें बोलना जरुरी होता है।
बिना किसी को ऑफेंड करे सच बोलना इम्पॉसिबल है और ये बेकार लॉन्ग टर्म स्ट्रेटेजी होती है।
दूसरों को ऑफेंड करने के डर से ज्यादातर लोग अपने सच को दबाना ही सही मानते हैं।
ये चीज शार्ट टर्म में तो शांति बनाये रखने में कामयाब रहती है, लेकिन मध्यम से लोंगटर्म में आपका वही दबा हुआ सच आपको वापस से आकर सताने लगता है।
क्यूंकि हर इंसान के लाइफ में कई प्रोब्लेम्स ऐसी होती हैं जिनको डिसकस और फेस करे बिना वो दूर नहीं जाती।
Step 2 – अपने आपको टाइम देना सीखो
ज्यादातर लोग अपना टाइम और एनर्जी दूसरों पर स्पेंड कर देते हैं और अपनी नीड्स या डिजायर को इग्नोर कर देते हैं।
जहाँ दूसरों की केयर करना और उन्हें अच्छा फील कराना एक बहुत अच्छी आदत हो सकती है, वही दूसरों की मदद करना अपनी ग्रोथ और खशी के एक्सपेंस पर ये गलत है।
इसका मतलब ये नहीं है की आपको पूरी तरह से सेल्फिश बन जाना है। बल्कि इसका मतलब है की आपको ये पता होना चाहिए की आपको कब अपनी नीड्स को prioritize करना है, ताकि आप इमोशनली और फिजिकली एक्सहोस्टेड ना फील करो।
Step 3 – Boundaries बनाना और “ना” कहना सीखो
उन चीजों के लिए हाँ में हाँ मत मिलाओ जिनमें आप खुद बिलीव नहीं करते या फिर आप उन्हें करना नहीं चाहते।
ये डिसिशन दूसरों के हाथ में मत दो की आपका टाइम आपको कैसे यूज़ करना चाहिए। बल्कि अपने टाइम की वैल्यू खुद समझो और वो बोलो जिसमें आप बिलीव करते हो।
और जब आप ऐसी सिचुएशन में होते हो तो आपको हमेशा ये डर जरूर लगेगा की आप ना बोलकर या किसी से डिसअग्रीमेंट दिखाकर अपने रिश्ते खत्म ना कर लो।
लेकिन अगर आप चाहते हो आपको लोग यूज़ ना करें और आपके साथ सिर्फ अपना मतलब निकालने के लिए ना रहें तो आपको अपनी Boundaries बनानी ही पड़ेगी।
Step 4 – अपनी सेल्फ-वर्थ को बढ़ाने पर काम करो
सेल्फ वर्थ का मतलब हम अपने आपको कितना वैल्युएबल और डिसर्विंग समझते हैं, क्यूंकि ज्यादातर सीधे लोग ऐसे होते हैं जो कभी भी अपने हक़ के लिए खड़े ही नहीं होते।
वो अपने हिस्से की चीज भी दूसरों दे देते हैं और बाद में अपने आपको कोसते हैं।
इसलिए अपनी सेल्फ स्टीम पर काम करो, जो आपके डर और इन्सेक्युरिटीज़ को बढाती है, जिससे आप दूसरों का अप्रूवल लेते हो और अपने आपको एक्सटर्नली वैलिडेट करने की कोशिश करते हो, ताकि आपको ये लगे की आप भी मायने रखते हो।
इसलिए अपने सबसे ट्रू-सेल्फ की तरफ आगे बढ़ो यानी वो काम करो जो आपके लिए बहुत ही ज्यादा मीनिंग फूल है।
Step 5 – अपने गुस्से और कड़वाहट पर मेडिटेट करो
सीधे लोग ऊपर से तो काफी शांत और ख़ुश लगते हैं, लेकिन जब भी वो अपने आपसे झूठ बोल कर कुछ ऐसा काम करते हैं जिसे वो नहीं करना चाहते, तब वो अंदर ही अंदर गुस्से और नाराजगी को जबरदस्ती दबा रहे होते हैं।
ताकि ये इमोशंस बाहर ना आ जाये और उससे उनके रिलेशनशिप ख़राब ना हो जाये।
इस तरह से अपने अंदर इन टॉक्सिक इमोशंस को इकट्ठे करते रखना एक इंसान को हर समय अंदर से जला रहा होता है।
इसलिए अगर आप अपनी सीधेपन को खत्म करना चाहते हो और इमोशनली या मेंटली स्ट्रांग बनना चाहते हो तो अपने गुस्से या कड़वाहट को आत्मनिरीक्षण या मैडिटेशन की मदद से रिवर्स इंजीनियर करना शुरू करो।
अपने आपसे पूछो की आपका ये गुस्सा एक्सेक्ट्ली कहाँ से आ रहा है और आपको इससे दूसरे लोगों के बारे में क्या समझ आता है।
Conclusion
तो दोस्तों मुझे उम्मीद है की आप आज से दूसरों के सामने NICE बनना बंद करेंगे और अपनी पर्सनालिटी को इम्प्रूव करोगे ऊपर बताये गए 5 स्टेप के जरिये।
क्या आप भी दूसरों के बातों में हाँ में हाँ मिलाते हैं जब की दूसरों की बातों में आज सहमत नहीं है ?
क्या आप किसी को “ना” नहीं कह पाते, जिस वजह से अपने आपके लिए टाइम ही नहीं मिलते और इसलिए आप “ना कहना सीखो“।
आपको आज के इस आर्टिकल से क्या समझ आया और कैसे लगा ये आर्टिकल ?
कोई भी सवाल या सुझाव आपके मन में है तो मुझे नीचे कमेंट करके जरूर बताये।
आपका बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से धन्यवाद,
Wish You All The Very Best.