Hello दोस्तों, लोग बोलते हैं Desire बुरा है, बुरा है, ये हमें खत्म कर देता है, हमें सुकूनभरी जिंदगी जीने नहीं देता है। तो आपके मन में भी डिजायर के बारे बहुत सारे सवाल उठे होंगे कि –
- Desire और Freedom क्या है?
- Desire सच में इतना बुरा होता है क्या?
- क्या Desire से हमारी Freedom खत्म हो जाते हैं?
- क्या इसका कोई पॉजिटिव साइड नहीं है?
- क्या डिजायर को हम अच्छे नहीं बना सकते?
- कौनसा Desire अच्छा है और कौनसा बुरा और Desire को कण्ट्रोल में लाकर Freedom को कैसे हासिल किया जा सकता है या Desire को कैसे Overcome कर सकते हैं?
- क्या हम जिंदगी में Absolute Freedom को हासिल कर पाएंगे? etc.
तो आज हम इसी के बारे में डिटेल एक्साम्प्ल के साथ समझेंगे। तो बिना देरी के चलिए शुरू करते हैं –
Desire को Control करके Absolute Freedom कैसे बने?
No 1 – एक अच्छा Desire क्या है?
एक तरफ तो बात यह है की अपने desires को बढ़ाना और दूसरी तरफ है की desires ही सारी problem की जड़ है – तो करे तो क्या करे?
आपको थोड़ा सा ध्यान देकरके इसको समझना है कि कौनसा desire सबसे बड़ा होना चाहिए और कौनसा desire होना ही नहीं चाहिए? कौनसा desire है जो हमको बांध देता है और कौनसा desire है जो हमको आज़ादी की तरफ ले जाता है?
एक desire है – अपने आपको अंदर से strong बनाने का desire, अपने potential को बढ़ाने का desire, मतलब की आप अगर बिज़नेस कर रहे हो, तो बिज़नेस से पैसा कमाने का desire नहीं, एक अच्छा बिजनेसमैन बनने का desire होना चाहिए।
अच्छा बिजनेसमैन का मतलब क्या किसी भी field में अच्छे है, उसका मतलब क्या की आपको समझ आ जाये की जो लोग है, जो आपके clients है वो क्या चाहते है, इतना simple है देखो।
Successful People or Successful Businessman का मतलब क्या है?
अच्छे बिजनेसमैन मतलब क्या है? एक successful इंसान की सोच क्या है, की उसको समझ आरहा होता है की सामने वाले क्या चाहता है, वो उसकी need समझ पाता है, की अगर आप एक छोटा सा boutique चला रहे हो!
मान लीजिये अगर कोई female है, उसने fashion designing करी है किसी लोकल institute से और अपना boutique खोल दिया और आप समझ पा रहे हो की जिस area में आपका boutique है, जिस तरह की लोग आपके बुटीक में आरहे है, उनको आपसे क्या चाहिए और उनको आप satisfied करो उनको delight कर दो, की वो जब आपकी बुटीक से निकल करके जाये वो lady, तो वो खुशी से पागल हो जाये, पागल मतलब वो वाला पागल नहीं, वो कहे की मजा आगया।
इसका मतलब अपने फील्ड के Best बनो। ताकि लोगों आपसे बेस्ट सर्विस या प्रोडक्ट्स मिलें।
तो अब आप मुझे बताइये आपका बुटीक चलेगा या नहीं चलेगा?? – बिलकुल सही से चलेगा जी।
ये होता है अच्छी Desire, अपने आपको better बनाने का, अपने product को better बनाने का, अपनी services को better बनाने का, अपनी personality को better बनाने का, अपनी communication skills को better बनाने का, अपने confidence को better बनाने का, यहाँ पर कोई trap नहीं है, आप better बनोगे आज नहीं तो कल, कभी न कभी तो आपके काम आएगी ही ना।
अगर आपने अपने आपको better बना लिया, मानलो immediately काम नहीं भी आया, कभी न कभी तो आएगा ही, आपको पता भी नहीं लगेगा कैसे काम आ जायेगा, कही न कही काम आ जायेगा, कैसे न कैसे आ जायेगा, ये एक है अच्छी Desire.
No 2 – Desire कब खतरनाक होते है?
दूसरे टाइप के desire क्या है – की हम काम को जरिया समझे पैसा कमाने का। और तभी यह खतरनाक होते है। अब आपका ध्यान काम से हट गया, पैसों पे चला गया, आपने एक काम शुरू किया, दो महीने तक पैसा नहीं आया, क्या होगा आपको? रोने लग जाओगे, और थोड़ा सा पैसा आगया तो क्या होगा? – उस पैसे से चिपक जाओगे। समझ गए ना!
आपका मकसद क्या था? – आपका मकसद उस काम में Excellence को Achieve करना नहीं था, पैसा कमाना था, पैसा आगया अब क्या करोगे उस पैसे को उड़ाओगे, ऐसा ही होता है सबके साथ।
आपके आस-पास ही बहुत लोग ऐसे है जो किसी ने कहा की भाई तू मेरेको पैसा दे दो मैं तुमको 5% ब्याज दूंगा महीने का और दो साल में पैसा double हो जायेगा, ऐसा बहुत लोग है इंडिया में जो इस चक्कर में बहुत पैसा डूबा रहे हैं, इसमें क्या हो रहा है की उनके ही लालच उनको डूबा रहे है।
उनका desire अपने आपको better बनाने में नहीं है, shortcut ढूंढने में है। अभी पैसा मिल जाये बस कही से, अभी कुछ करना न पड़े।
कुछ नहीं करने का मतलब मृत्यु के समान है –
आपके जो मन है वो तो यह कहेगा की मुझे कुछ नहीं करना न पड़े, सिर्फ कुछ पैसे को लगा करके बस एक साल में double हो जाये, दो साल में double हो जाये, और आपने किसी को पैसा दे भी दिया, उसके बाद क्या होगा, आपका पैसा जो है वो तो डूबेगा ही डूबेगा।
जबतक अगर अंदर से आपकी दम नहीं है न, तो आज नहीं तो कल आप गिरोगे ही गिरोगे। यह आलसीपन जो है की अपने ऊपर काम नहीं करना, हमेशा shortcut ढूंढना। तो इस shortcut की वजह से क्या हुआ आपके पैसे डूब गया, आप बुरी तरह से fail हो गए, ये सब फसने वाले desires होते है, चीजों के desires, पैसो के desire – ये सब फसाने वाले desires है।
No 3 – पैसों की Desire अच्छा है या बुरा है?
पैसे का desire नहीं है तो इसका मतलब ये नहीं की पैसे को ढंग से use कर रहे है, पैसे को बड़ा समझदारी से use कर रहे हो, लेकिन आप पैसे से चिपक नहीं रहे हो। एक-एक रूपए को ढंग से use कर रहे हो, समझदारी से use कर रहे हो, अपने ऊपर खरसने में, अपने बिज़नेस के ऊपर खरसने में, हर चीज को समझदारी से खरसने में, एक-एक चीज जोड़ करके समझ करके चलने में, जब तक की आप पूरी तरह से financially independent न हो जाओ।
तो फिर हम पैसे को use करेंगे अपने आपको better बनाने के लिए।
अभी लोग क्या कर रहे है पैसे को use कर रहे है अपने शौंक पुरे करने के लिए और उस शौंक की वजह से हम सब छोटे होते चले जा रहे है। क्यूंकि जो आपके शौंक हैं, वो आपकी upbringing के हिसाब से है।
Upbringing अगर आपके कम पैसो से हुई है तो आपके शौक़ भी छोटे है।
तो जैसे ही कोई आपके छोटे शौंक पूरा करेगा जिसके लिए आपको पैसा चाहिए होता है, तो आप उस आदमी की गुलामी करने के लिए भी तैयार हो जाओगे।
आपकी शौंक है जो 20,000 रूपए में पूरा हो सकते है, कोई आकरके कहे – ”ले 20000 रूपए लेकिन तुझे ये काम करना पड़ेगा, दिन में 15 घंटे काम करना पड़ेगा, वो काम जो आपको पसंद नहीं भी है तो भी करना पड़ेगा – करेगा क्या??”
तो आप कहोगे की – ”हाँ मेरे शौंक तो पुरे हो रहे है, मैं जरूर करूँगा, भले ही मुझे कुछ भी करना पड़े!”
Example –
जंगलो में बंदरो को कैसे पकड़ते है ये कहानी शायद ही किसी ने सुना होगा – “वो लोग क्या करते है, एक bottle लेते है, जिसका मुंह आगे से छोटा होता है उसमें कुछ चने डाल देते है, अब उस bottle में एक रस्सी बांध दी और एक पेड़ से बांध दी।
अब वहा बन्दर आएगा उस चने की लालश में और उसने bottle के अंदर हाथ डाला मुट्ठी बंध कर ली, वो चने उसके हाथ में आगया।
अब वो अपना हाथ बाहर निकल रहा है, लेकिन क्यूंकि मुट्ठी बंद है और उस bottle का मुँह छोटे है, तो हाथ बाहर नहीं आरहा है और वो तरप रहा है, रो रहा है, चीख रहा है, चिल्ला रहा है, लेकिन अपनी मुट्ठी नहीं खोल रहा है।
अब अगर उस बन्दर ने उस चने को छोड़ दे तो वो आजाद है। कोई और उसको नहीं बांध रहा है, उसको उसके खुद का लालश ही उसको बांध रहा है, ये है एक desire. जो हममें से ज्यादातरों में यही होता है।
No 4 – हमारे अंदर कैसा Desire होना चाहिए और कैसा नहीं?
दो तरह कि desire की मैंने बात करी है। एक है वो जो आपको फसाएँगे, बांध देगा, गुलामी की तरफ ले जायेगा, ये जो है गुलामी वाला desire ये बड़ा खतरनाक desire है, और एक है जो आपको आजाद कर देगा।
अब आप कहोगे की अगर किसी के अंदर कोई desire ही नहीं होगा, तो वो कुछ करेगा ही क्यों, वो आलसी हो जायेगा, वो खाली बैठ जायेगा, वो निकम्मा हो जायेगा ये बेवकूफ वाली बात है, अपनी सोच पे question mark(?) लगाओ।
जंगल में एक बन्दर है जो आजाद है, अब वो क्या करेगा? क्या वो पूरा दिन जाकरके बैठा रहेगा meditation में? या कलाबाजियां खायेगा, क्या क्या करेगा? कुछ भी करेगा, अपने आपको तरह तरह से express करेगा, जो भी उसका basic nature होगा, उसके हिसाब से अपने आपको express करता ही रहेगा।
और दूसरी तरफ से एक और बन्दर है जिसको एक चने के लालश दे करके ये शिकारी मतलब की ये दुनिआ, society, हमारा समाज, हमारे लोगों की सोच वो शिकारी है, उसने क्या किया, उस बन्दर को चने का लालश दे करके पकड़ करके ले गए।
अब वहा पर उसकी आस-पास में सारे के सारे बन्दर ऐसे ही है। मतलब की ये सारे सवाल उठ कहा से रहा है, देखिये उसके आस-पास में सारे बन्दर कैसे है की बेटा ये ले चना और कलाबाजी खा, ले चना और कलाबाजी खा…..
अब अगर कलाबाजी नहीं खायेगा तो चने नहीं मिलेगा।
तो वो बन्दर क्या बोलेगा आ करके की अगर जंगल में चने नहीं तो कोई क्यों कलाबाजी खायेगा, कोई काम करेगा क्यों, बन्दर गुलाटी क्यों मारेगा, बन्दर कुछ करेगा क्यों?
बन्दर इसलिए यह करेगा क्यूंकि उसका basic nature है कुछ करना, बिना करे वो रह नहीं सकता, तो कुछ तो करेगा ही न, लेकिन किसी मदारी की वजह से नहीं करेगा, गुलामी में नहीं करेगा।
चाहे कोई भी आकरके कितने भी चने दे दें, कुछ भी दे दें, कोई भी बन्दर गुलामी नहीं पसंद करेगा।
दुनिआ क्या कहती है कि अरे पैसा आरहा है न कर ले जो भी करना है, अरे तू यह कर ना, interest छोड़ तू, यह पढ़ ले, तू घुस जाओ उस college के अंदर, पैसा तो आजायेगा, life तो set हो जायेगा ना!
No 5 – कुछ अलग सोच
Life set का मतलब क्या है? कि आपको चाहे सोने की chain से बांध दिया जाये, चाहे लोहे की chain से बांध दिया जाये, chain तो chain ही है ना, क्या set???? लोग कहते हैं की अरे सोने की पिंजरे में रह हैं। अंदर इतना अच्छा खाना मिल रहे हैं, इतना कुछ मिल रहे हैं। अरे भाई पिंजरा तो पिंजरा ही है ना? यही सोच है हमारा। अपने सोच में किसको पकड़ा हुआ है?
अब कभी न कभी आपके मन यह सवाल भी आये होंगे कि हम thoughtless state में कैसे रह सकते है? तो मैं बता दूँ कि अगर आपको कुछ चाहिए ही नहीं तो आपकी thoughts क्यूँ आएंगी?
अभी आप जो कुछ भी कर रहे हो, उसमें आपका पूरा 100% लगा दो। अगर कुछ सीख रहे हो तो उसमें पूरा 100% लगा दो, तो आप पूरा thoughtless state में रह सकते हो।
लाखों में से कुछ लोग ही आजाद हो जाते है अपने thoughts से, नहीं तो बाकि सब तो उम्मीद में ही ज़िंदा रहते हैं।
ये जो हम पैसो के लिए कुछ भी करने को राजी हो जाते हैं ये अँधा कुआँ है, इसमें सब नीचे ही नीचे गिर रहे है अँधेरे में, ऊपर कोई नहीं जा रहा है, देख के लग रहा है की जो ऊपर चला गया दुनिआ के हिसाब से, उल्टा उस अंधे कुँए में उतने ही नीचे जा चूका है, उतना ही अंधेरे में है।
But यहाँ पर problem क्या है कि वो इतना नीचे पहुँच चूका है, इतना नीचे की अब अगर उसने बोला, जो दुनिआ की हिसाब से ऊपर है, की अगर उसने बोला की यहाँ पर कुछ नहीं है, तो उसकी बड़ी बुरी हालत होगी, दुनिआ बड़ा मजाक उड़ाएगा उसका। इसी डर के कारण दुनिया में ज्यादातर लोग अपना स्ट्रेस, अपना दुःखीपन, अपना दर्द लोगों को नहीं बता पाते हैं।
प्रॉब्लम स्टार्टिंग कहाँ से हुई? अपनी Desire से, की उस कंपनी में हमें इतना सैलरी मिलेगा, उस जॉब में हमें इतना सैलरी मिलेगा, और जब जाकर उस जॉब को किया और तब पता लगा इसमें इंटरेस्टिंग कुछ नहीं है और जब पहली सैलरी मिली 1 लाख का तो पहली सैलरी में ही EMI पर Car ले ली, महंगी फ़ोन EMI पर ले ली और ऐसे करते करते फसते ही चले जा रहे हैं। ऊपर से 12-15 घंटे ऑफिस वर्क, घर में किसी को टाइम ही नहीं दे पा रहे हैं और इस कारण से रिश्तों में दूरियां आ गए हैं, परिवार में प्रेम कम हो गए हैं, हर बात पे गुस्सा etc.
इसका मतलब क्या है की तुमने इतना सब किया, कंपनी ज्वाइन करते ही महीने का 1 लाख रूपए सैलरी, बड़ी घर, बड़ी कार, महंगी स्मार्टफोन, etc. उसके बाद भी तुम खुश नहीं हो, तू खुश नहीं है अपनी लाइफ से, तेरेको वो सब कुछ मिल गया जो हम चाहते है की हमे मिले फिर भी तुम खुश नहीं हो?
तो वो बंदा या बंदी क्या करेगा अपने एक हस्ता हुआ चेहरा आप लोगो को दिखायेगा अरे मैं बहुत खुश हूँ, ये बेस्ट रास्ता है, यही सक्सेस है, सब कुछ है मेरे पास, और क्या चाहिए?
उसको पूछो की क्या अपना mind शांत है तेरा, satisfaction है लाइफ में, fearless है लाइफ, रात को अच्छी नींद आती है बिना नींद की गोली के, tension-free लाइफ है, क्या तेरे पास वो करने की आजादी है जो तेरे अंदर से आरहा है? क्या खुश है तू? क्या तेरी family खुश है? क्या तू Healthy है?
उसका जवाब क्या आएगा वो आप जानते ही होंगे – No.
No 6 – आजादी कहा से आएगी?
ये जो आज़ादी है ये कहा से आती है – अपनी सोच से आती है। अगर आपने अपनी लाइफ का goal बना लिया आज़ादी को, freedom को, independence को, तो क्या होगा? आज नहीं तो कल आप आजाद हो जाओगे।
कब होगे, कैसे होंगे ये मैं नहीं बोल सकता, it is not that की मैंने बोला, और आपने अपने mind में एक सोच बनाई की मैं आज़ाद हो जाऊँ और मैं आज़ाद हो जाऊंगा, एक महीने बाद, एक साल बाद – नहीं, ऐसा बिलकुल नहीं है। यह एक लम्बा रास्ता है, जिंदगी को खेल बनाना होगा, हम ज्यादा सीरियस हो जाते हैं, ऐसा नहीं करना है।
ध्यान लगानी पड़ेगी एक-एक चीज को ध्यान से समझना पड़ेगा, बारीकी से आगे बढ़ना होगा, अपनी Desire को समझना होगा और उसको Smartly अपने ऊपर उतारना पड़ेगा कि मेरे अंदर पैसों की Desire नहीं है, Learning का डिजायर है, अपने आपको Develop करने का डिजायर है और अपनी Skill को Better बनाने का Desire है, अपने Health को Best बनाने का Desire है।
और आपको अंदर से मानना भी पड़ेगा, अपने आपको Convince करना होगा कि यही Desire है जो मुझे अपनी जिंदगी में खुश रखेगा और पैसा तो अपने आप आएंगे! सब कुछ अपने आप मिलेंगे।
No 7 – Freedom मतलब क्या?
Suppose आपने कुछ काम किया, आप financially independent हो गए, और अब आपको लगा मैं तो आजाद हो गया हूँ, और उसके बाद में आपने देखा तो आपकी body की तो लग गयी है, अनेकों बीमारियां घेर चुकी है। तो यह Freedom नहीं है – समझ गए?
पैसा कमाने की चक्कर में body की लग गयी, अब कहा आज़ाद हो आप? तब आपने कहा की चल यार body पे काम करता हूँ।
आपने body पे काम करना शुरू किया, दूसरी तरफ से पता लगा आपकी wife अपने किसी पुराने boyfriend के साथ भाग गयी, या अपने घरवालों के साथ जो Relation है वो ख़राब हो गया, वाइफ ने कुछ कहाँ और आप अपने पेरेंट्स से झगड़ा करने लग गए।
अब आपकी health भी गया, और इधर से आप देवदास बन गए, घरवालों के साथ अच्छा रिलेशन भी नहीं है, उधर से जॉब या बिज़नेस करने का आपका मन नहीं कर रहा, तो कहा से आज़ाद हो आप।
फिर कुछ आया उसने आकरके आपको पकड़ लिया, फिर कुछने। जैसेही आपको किसी चीज झाकरति है, बाकि सब में आप धीरे धीरे नीचे गिरने लग जाते हो, कभी भी देख लेना यह। तो कहा से आज़ाद होगे, कैसे होगे पूरी तरह से आजाद – अपनी सोच से।
ये जो सोच है ना आज़ादी वाली सोच absolute freedom, मतलब हर तरफ से पूरी तरह से आज़ाद हो, अपनी हर तरह की ऐसी सोच से जो आपको नीचे गिराती है।
तो आपको नजर आने लग जायेगा कि अरे ये तेरी और ये मेरी, ये भी अपने आपमें एक trap है। और ये भी एक trap है कि कुछ भी नहीं चाहिए।
और अब किसी मोमेंट में आपके अंदर से जिस दिन अपने आप बोल देते हो, अंदर से सिर्फ दिखाने के लिए नहीं, सिर्फ बोलने के लिए नहीं, तो जिस दिन अंदर से आपके आने लग जाता है कि मुझे कुछ भी नहीं चाहिए, i don’t want anything, मुझे किसी से कुछ नहीं चाहिए, न इनसे, न भगवान से कुछ नहीं चाहिए तो अब आप आज़ाद हो।
और जब आप कहोगे की मुझे कुछ नहीं चाहिए और आप सिर्फ अपनी काम को 100% दोगे तो आपको सफलता और Freedom 100% मिलेंगी, आपको वो भी मिलेगा जिसके बारे में जिंदगी में कभी आपने सपने में भी नहीं सोचा होता है।
Conclusion
तो आपको समझ में आ ही गए होंगे कि Desire क्या है और Freedom क्या है और Absolute Freedom को कैसे हासिल कर सकते हैं।
डिजायर दो तरह के होते हैं एक जो आपको अंदर से Freedom को ओर लेकर जाएगी और एक है जो आपको अंदर से, बाहर से दोनों तरफ से नीचे ही लेकर जाएगी।
तो इसलिए हमें अपने आपको Develop करने वाले Desire को अपने अंदर उठने देना चाहिए ताकि लाइफ वो सब कुछ मिलें जो हमने कभी सोचा भी ना हों। तो I Think आपको आज का यह पोस्ट अच्छा ही लगा होगा और आपने आज अपने आपको कमसे कम 1% और Develop कर ही लिए होंगे!
तो आपने आज क्या सीखा?
अगर आपके मन में कोई भी सवाल या सुझाव है तो मुझे नीचे कमेंट करके जरूर बताये।
इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।
आपका बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से धन्यवाद।
Wish You All The Very Best.